नारी व बाल जगत

आतंकियों से सम्बन्ध कारण शिक्षिका हुई बर्खास्त

श्रीनगर. रजिया सुल्तान को आतंकियों द्वारा उनके पिता की हत्या के बाद सरकार ने अनुकंपा के आधार पर टीचर की नौकरी दी थी, लेकिन 21 साल बाद अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य के सुरक्षा हितों का हवाला देते हुए रजिया को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है, जिस कानून के तहत सुल्तान को हटाया गया है, उसके तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी कर्मचारी को जांच और सफाई पेश करने का मौका दिए बिना हटा सकती है. अनंतनाग जिले में स्थित खीरम मिडिल स्कूल की हेड टीचर रजिया को नौकरी से हटाए जाने का आदेश मिला, लेकिन सरकार के इस फैसले में यह नहीं बताया कि उन्हें किस कारण से हटाया गया है.

रजिया सुल्तान ने कहा, ‘मैं चौंक गई कि मुझे नौकरी से हटा दिया गया है. मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी काल्पनिक और बेबुनियाद हैं. मैं कभी भी किसी गैरकानूनरी गतिविधि में शामिल नहीं रही. मैं राज्य सरकार ने गुजारिश करती हूं कि मेरे केस के बारे में मुझे जानकारी दी जाए क्योंकि मुझे कुछ पता नहीं है.’

रजिया के पिता मोहम्मद सुल्तान भट्ट जमात इस्लामी के सदस्य थे और 1996 में आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई. भट्ट ने 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. साल 2000 में रजिया को सरकार ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी, हालांकि इससे पहले पुलिस जांच और सिक्योरिटी वेरिफिकेशन किया गया.

शुक्रवार को जारी सरकारी आदेश में कहा गया, “उपराज्यपाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड (2) के प्रावधान के उप-खंड (सी) के तहत संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में शासकीय मध्य विद्यालय खीरम, अनंतनाग में प्रधान शिक्षिका रजिया सुल्तान के मामले में जांच कराना समीचीन नहीं है.” आदेश में कहा गया, “इसी अनुसार, उपराज्यपाल रजिया सुल्तान को तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा से बर्खास्त करते हैं.”
बता दें कि रजिया उन 11 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. इन लोगों में मोस्ट वांटेड आतंकी सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे भी शामिल हैं. सलाहुद्दीन पिछले 30 साल से पाकिस्तान में रह रहा है. उसके दोनों बेटों सैयद शकील और सैयद शाहिद को एनआईए ने 2018 और 2019 के आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया है.

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