प्रयागराज
अवैध भट्ठों के संचालन पर दो जिलाधिकारियों को नोटिस जारी

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीआर रीजन में पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ईंट भट्टों के संचालन पर बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई से स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए।
याचिका पर न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई की। इस मामले को लेकर सोमबीर ने अवमानना याचिका दाखिल की है। याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था कि पर्यावरण मानकों व ईंट भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को तत्काल बंद कराया जाए। इसके बाद अक्टूबर 2021 में एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनसीआर रीजन में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र सभी भट्टे बंद करने का निर्देश दिया था।
याची ने इस सम्बंध में अधिकारियों को अवगत भी कराया, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और ईंट भट्टों का संचालन अभी भी हो रहा है। जो कि कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है। कोर्ट ने जिला अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई से स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए।
याचिका पर न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई की। इस मामले को लेकर सोमबीर ने अवमानना याचिका दाखिल की है। याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था कि पर्यावरण मानकों व ईंट भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को तत्काल बंद कराया जाए। इसके बाद अक्टूबर 2021 में एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनसीआर रीजन में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र सभी भट्टे बंद करने का निर्देश दिया था।
याची ने इस सम्बंध में अधिकारियों को अवगत भी कराया, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और ईंट भट्टों का संचालन अभी भी हो रहा है। जो कि कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है। कोर्ट ने जिला अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।