उत्तर प्रदेश

जनता को भरोसा, अपराधियों में खौफ एसपी के निर्देश से जनपद में दिखी सख्ती की नई लकीर – अपराधियों की कुंडली खोलने, संगठित गिरोहों पर सीधी कार्रवाई और अफवाहबाजों को चेतावनी

सीतापुर -: जनपद सीतापुर में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में नवागत पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने अपने तेवर पहले ही दिन से स्पष्ट कर दिए। देहात कोतवाली में आयोजित पहली जनसुनवाई और थाना दिवस में फरियादियों से सीधे संवाद करते हुए उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया और स्पष्ट कहा कि अब अपराध, अव्यवस्था और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि फाइलों में दबी कुख्यात अपराधियों की कुंडली दोबारा खंगाली जाए।

संगठित गिरोह बनाकर संज्ञेय अपराधों में लिप्त अपराधियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। वर्षों से निष्क्रिय पड़ी हिस्ट्रीशीटों को भी फिर से सक्रिय करने के आदेश जारी किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने जिले भर के थानाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि संवाद की शुरुआत अपने क्षेत्राधिकारी से करें और आपसी समन्वय को और बेहतर बनाने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से सतत संपर्क में रहें। सभी क्षेत्राधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के थानों की कार्यशैली पर करीबी नजर बनाए रखने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए हैं कि बॉर्डर एरिया सहित उन थानों पर जहाँ थानाप्रभारी अधिक समय से जमे हैं, उनका स्थानांतरण किया जाएगा। साथ ही जुआ, खनन, लकड़ी कटान जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं जो पूरे महकमे के लिए उदाहरण बनेगी।

पेशेवर शिकायतकर्ताओं और दलालों पर टेढ़ी नजर

पुलिस अधीक्षक ने फर्जी व पेशेवर शिकायतों की आड़ में सीधे-सादे लोगों को गुमराह करने वालों को लेकर भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कूटरचित शिकायती मामलों में माहिर, सामाजिक माहौल खराब करने वाले ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही आर्थिक अपराधियों और पेशेवर शिकायतकर्ताओं की आय के स्रोतों की गहनता से जांच के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे लोगों की निगरानी रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर आर्थिक अपराध शाखा को सक्रिय किया जाएगा। वहीं अवैध गतिविधियों में संलिप्त छुटभैये दलालों के विरुद्ध भी कठोरतम कार्यवाही के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, अब उनकी खैर नहीं होगी।

डीएम का निर्देश आर्थिक अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही

जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने भी इस संदर्भ में स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों की संलिप्तता गंभीर आर्थिक अपराधों में पाई जाती है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की संपत्ति जब्ती और नेटवर्क तोड़ने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं।

जिलाधिकारी ने थाना दिवस पर दर्ज शिकायतों का लिया फीडबैक

सुनवाई में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने थानों के निस्तारण रजिस्टर में दर्ज प्रविष्टियों के आधार पर शिकायतों की गुणवत्ता और निस्तारण की वास्तविकता का फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अफवाह फैलाने वालों पर विशेष निगरानी रखने के लिए एक्सपर्ट टीम बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कोई भी व्यक्ति जो समुदाय में वैमनस्य या भ्रामक जानकारी फैलाने का प्रयास करेगा, उस पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। प्रत्येक सिपाही को अपनी बीट-बुक नियमित रूप से अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पुलिसिंग की बारीकी पर नियंत्रण और पारदर्शिता बनी रहे।

अवैध खनन को लेकर सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्तर पर ऐसी गतिविधि को बर्दाश्त न किया जाए। पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने कहा कि अब कानून व्यवस्था में सेंध लगाने वालों को किसी भी रूप में नहीं बख्शा जाएगा। सफेदपोश अपराधियों, महिला अपराध में संलिप्त लोगों और आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक की पहली सुनवाई में स्पष्ट संदेश, अब अपराधियों को नहीं मिलेगा कोई संरक्षण, जनता को मिलेगा सुरक्षा का भरोसा।

साइबर शाखा की समीक्षा और साइबर अपराधियों पर सख्त निगरानी

पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने साइबर शाखा की भी गहन समीक्षा की और निर्देशित किया कि साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। प्रत्येक थाने को साइबर क्राइम के मामलों पर सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी ऑनलाइन ठगी, फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट, साइबर स्टॉकिंग या वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

साइबर सेल को आदेश दिया गया है कि संदिग्ध साइबर अपराधियों के आईपी एड्रेस ट्रेस कर उनकी डिजिटल गतिविधियों की गहराई से निगरानी रखी जाए। उन्होंने साइबर एक्सपर्ट्स की एक टीम गठित करने के भी निर्देश दिए, जो लगातार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध गतिविधियों का विश्लेषण करेगी। यदि कोई व्यक्ति या गिरोह साइबर अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी हर एक कड़ी को जोड़ते हुए संगठित कार्यवाही की जाएगी।

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