पक्की सड़क की कमी से हताश हैं गजपुरा के बाशिंदे,अनजुडी बसावट योजना में सड़क निर्माण लम्बित

किशनी।चितायन मौजा का एक मजरा है गजपुरा। रैली,मीटिंग और वोटिंग के समय भाजपा के लिऐ हर समय तैयार रहने वाले लोग। गाँव की बसाबट से पक्की सड़क की दूरी महज 700 मीटर। बर्षों से चल रहे सड़क निर्माण अभियान में विफलता यहाँ के बाशिंदों को शर्मिन्दा व हताश करती है।
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गजपुरा के पश्चिम में महिगवां की ओर जाने वाली और दक्षिण दिशा में नैगवाँ की ओर जाने वाली पक्की सड़कें गुजरी हैं। दोनों सड़कों से गाँव की दूरी करीब 700 मीटर है। लेकिन तमाम कोशिशों के बाबजूद गजपुरा को पक्की सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है।ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में प्राइमरी स्कूल ऊसर में बना है वहाँ के लिये पैदल मार्ग भी नहीं है वह बर्षों से सड़क निर्माण के लिए प्रयत्न शील हैं लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है।उनके गाँव में भाजपा की मीटिंग,रैली व चुनाव के समय नेता सड़क निर्माण की कसमें खाते हैं लेकिन बाद में कुछ नहीं होता है। सड़क की पैरवी कर रहे लोगों का कहना है कि उनकी फाइल 2 बर्ष पूर्व मुख्य अभियंता आगरा क्षेत्र के कार्यालय से प्रमुख अभियन्ता कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है। तत्कालीन आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री भी अनजुड़ी बसाबट योजना में सड़क निर्माण की वकालत कर चुके लेकिन नतीजा रहा ढाक के तीन पात।ग्रामवासी रामपाल सिंह, रघुराज सिंह, प्रबल प्रताप, बृजकिशोर, नागेन्द्र, राजकिशोर, राधेश्याम, अनोखेलाल, अमर सिंह, महावीर, उपेन्द्र सिंह, रामशंकर, सुधीर, किशन, विनीत, दीपक, राकेश सिंह, इंद्रपाल सिंह आदि ने भाजपा सरकार में उनकी अनसुनी पर नारजगी व्यक्त की है।