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‘समलैंगिक जोड़ों को बैंकिंग, बीमा, दाखिले जैसी सामाजिक आवश्यकताओं पर कैसे मिलेगी मान्यता बताए केंद्र सरकार ‘-CJI

New Delhi: समलैंगिक शादी को मान्यता देने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट  में गुरुवार को भी सुनवाई हुई. अदालत ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि समलैंगिक जोड़ों की बैंकिंग, बीमा, दाखिले आदि जैसी सामाजिक आवश्यकताओं पर केंद्र का क्या रुख है, कोर्ट ने कहा कि समलैंगिक जोडों के लिए केंद्र को कुछ करना होगा. केंद्र बताए कि समलैंगिक जोड़ों की शादी को कानूनी मान्यता के बिना सामाजिक मुद्दों की अनुमति दी जा सकती है. गौरतलब है कि सेम सेक्स मैरिज मामले में केंद्र सरकार ने अलग. अलग कानूनों पर प्रभाव का हवाला दिया है. इनमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, रेप, शादी, कस्टडी, भरण पोषण और उत्तराधिकार के कानूनों पर सवाल उठाए.

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LGBTQ+ के बीच समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया के रुख पर देश के 36 कॉलेजों के 600 से ज्यादा छात्रों नाराजगी और निराशा जताई है. इन छात्रों ने एक प्रस्ताव पास कर कहा है कि सरकार और बार काउंसिल का रुख संविधान की मूल भावना यानी आत्मा के खिलाफ है. समानता और अपनी इच्छा से जीवन जीने के अधिकारों का हनन है. बिना किसी आधार के बीसीआई ने कह दिया कि देश में 99ण्9ः लोग समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं.

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