नक्सलियों के डर से 2008 में पूरी तरह खाली महला गांव होने लगा गुलजार
कांकेर। 2008 (Flower Garden) में महला गांव नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। नक्सली गांव में उत्पात मचाते रहते थे। नक्सलियों के बार-बार जान से मारने की धमकी देने के बाद धीरे-धीरे गांव छोड़कर (Flower Garden) लोग यहां से जाने लगे। लेकिन गांव के ग्रामीण धीरे-धीरे यहां वापसी कर रहे हैं। महला गांव फिर से लोगों से गुलजार होने लगा है। इसमें कांकेर पुलिस और BSF (Border Security Force) की बड़ी भूमिका रही है।
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सरकार ने ग्रामीणों को रहने के लिए 2 से 3 डिसमिल जमीन तो दे दी थी, लेकिन रोजगार नहीं होने से ग्रामीणों को जीवनयापन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। नक्सलियों में कैंप स्थापित किए जाने के बाद हमले की भी कोशिश की, हर बार जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और नक्सलियों को बैकफुट पर ला दिया। पुलिस और सुरक्षाबल के कारण ही संभव हो पाया है कि बाप-दादों की जमीन पर अपने दोबारा लौट पाए हैं।