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डीपीआईएस की छात्राओं ने सैनिकों के लिये भेजी स्वनिर्मित राखियां

किशनी।भाई वहिनों का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में बडी ही तन्मयता के साथ मनाया जाता है अगले दो दिनों के बाद मनाया जाना है। इस दिन का हर बहिन बडी ही बेसब्री के साथ इंतजार करती है तथा अपने भाई की लम्बी उम्र के लिये उसकी कलाई रक्षा सूत्र बांधती है।

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भारतीय हर भाई या तो स्वयं अपनी बहिन के घर जाकर रक्षा सूत्र बंधवाता है अथवा बहिन भाई के घर जाकर राखी बांधकर भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है। पर देश में लाखों की संख्या में ऐसे भाई भी हैं जिनकी कलाइयां कर्तव्य पालन के चलते सूनी रह जातीं है।देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात भारतीय सेना के लाखों जवानों को भी प्रतिवर्ष बिना राखी के ही रह जाना पडता हैै।नगर के दिल्ली पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल प्रति वर्ष सीमाओं की रक्षा करने बाले जवानों को राखियां भेजता है।सोमवार को स्कूल की छात्राओं ने इस वर्ष भी बीएसएफ के सेन्ट्रल स्कूल ऑफ वैपन एण्ड टैक्टिक्स के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र इन्दौर के लिये स्वनिर्मित राखियां भेजी है। स्कूल के चेयरमैन रमेश गुप्ता ने बताया कि स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से करीब डेढ सौ राखियां बनाकर कोरियर द्वारा भेजी गई हैं जो त्यौहार के दिन वहां पर पहुंच जायेंगीं। सभी बच्चों ने राखियां सौंपते हुये देश की सेवा करने बाले सैनिकों को राखी के साथ साथ सैल्यूट भी किया।इस मौके पर प्रधानाचार्य अवधेश दुबे,पीयूष गुप्ता,पारस गुप्ता भी मौजूद रहे।

 

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