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Indo-Pacific : चीन को रोकने की सिर्फ भारत में ही ताकत, जाने पूरा मामला…

नई दिल्ली। Indo-Pacific : चीन को रोकने की सिर्फ भारत में ही ताकत, जाने पूरा मामला… हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये और बढ़ती ताकत के बीच दुनिया का हर देश भारत की ओर देख रहा है। तमाम देशों का मानना है कि एशिया में सिर्फ भारत ही शक्ति का संतुलन स्थापित कर सकता है।

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अमेरिकी रक्षा सचिव लायड आस्टिन भी यही मानते हैं। सिंगापुर में शांगरी ला डायलाग में उन्होंने कहा, भारत की बढ़ती ताकत ही हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता स्थापित कर सकती है।

Indo-Pacific : अमेरिका बोला -शक्ति का संतुलन स्थापित कर सकती है भारतीय सेना

उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता और तकनीकी कौशल इस क्षेत्र में एक स्थिर शक्ति हो सकती है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रमुख तौर पर भारत का जिक्र करते हुए कहा, चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपनाए हुए है और अवैध तरीके से अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, चीन भारत के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को सख्त कर रहा है।

Indo-Pacific : अमेरिका अपने दोस्तों के साथ खड़ा

अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। इसके अलावा वह अन्य देशों के कुछ हिस्सों पर भी अपना दावा ठोकता है और इसके लिए आक्रामक रुख भी अपनाए हुए है।

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आस्टिन ने कहा, चीन दक्षिण चीन सागर में आक्रामक और अवैध दृष्टिकोण अपना रहा है। ऐसे में अमेरिका अपने मित्र देशों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, हम अपनी आपसी रक्षा प्रतिबद्धताओं में अटल हैं।

Indo-Pacific : भविष्य की आक्रामकता को रोकने लिए अमेरिका तैयार

अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा, चीन आक्रामक रवैया अपना रहा है। भारत के साथ भी उसका सीमा विवाद है और वह लद्दाख सेक्टर में आक्रामक दृष्टिकोण अपनाता है। इसके अलावा वियतनाम, ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया के कुछ हिस्सों पर भी दावा ठोकता है।

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ऐसे में अमेरिका भविष्य की आक्रामकता को रोकने और हराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, हम अपने दोस्तों के साथ भी खड़े हैं और अपने सुरक्षा ढांचे को पारदर्शी और अधिक समावेशी बनाने के लिए भी मिलकर काम कर रहे हैं।

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