आगामी खरीफ फसलों के रोग, कीडों से बचाव के लिए कृषकों के लिए सुझाव !
कौशाम्बी-: जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रजीत यादव ने किसान भाइयों को अवगत कराया है कि रबी फसलों के कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई आगामी खरीफ फसलों के लिए रोगों एवं कीडों से बचाव के लिए अत्यन्त लाभकारी है। गीष्म कालीन जुताई मानसून आने से पूर्व मई-जून महीने में की जाती है। गर्मी में खेत की गहरी जुताई (लगभग 10-12 इंच) करने से जहॉं मृदा के अन्दर छिपे हुए हानिकारक कीडे, मकोडे (दीमक, गिडार) उनके अण्डे, लार्वा प्यूपा एवं खरपतवार के बीज सूर्य की तेज किरणों के सम्पर्क मे आने से नष्ट होते है, वही खेत की कठोर परत को तोड कर मृदा को जड़ो के विकास के लिए अनुकूल बनाते है। साथ ही साथ मृदा संरचना में भी सुधार होता ह,ै और जल धारण क्षमता भी बढती है जो फसलो के बढवार के लिए उपयोगी होता है ।
गर्मी की गहरी जुताई के उपरान्त मृदा मे पाये जाने वाले हानिकारण जीवाणु, कवक निमेटोड एवं अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीव मर जाते हैं जो फसलो के बीमारी के प्रमुख कारण होते है। गर्मी में गहरी जुताई से मृदा में वायुं संचार बढता है। जो लाभकारी सूक्ष्म जीवों के वृद्धि एवं विकास में सहायक होता है। इसके अलावा मृदा में पडे खरपतवारनाशी एवं कीटनाशी रसायनों के विषाक्त अवशेष सूर्य की तीब्र रोशनी में नष्ट हो जाते है। इसके साथ कृषक भाइयो को आगामी फसल की बुआई से पूर्व हरी खाद के लिए ढैंचा,सनई एवं उर्दध्मूॅग का प्रयोग करना चाहिए जिससे भूमि की उर्वरता एवं कार्वन – नाइट्रोजन अनुपात मे सुधार होता है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। अधिक जानकारी के लिए किसान जिला कृषि रक्षा अधिकारी से मोबाइल नम्बर-9455417866 पर सम्पर्क कर सकते है।