जिलाधिकारी ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्याें की समीक्षा बैठक की
मैनपुरी – जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्याें की समीक्षा के दौरान स्टाम्प एवं निबन्धन, विद्युत, खनन, नगर निकाय की वसूली की प्रगति खराब पाये जाने पर ए.आई.जी. स्टाम्प, खनन निरीक्षक, अधिशाषी अभियंता विद्युत, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, एवं विद्युत विभाग की आर.सी. की वसूली की प्रगति ठीक न पाये जाने पर तहसीलदार घिरोर को चेतावनी जारी करने के निर्देश देते हुये कहा कि राजस्व वसूली से सम्बन्धित विभाग के अधिकारी निर्धारित लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति करना सुनिश्चित करें, जिन विभागों की वसूली शत-प्रतिशत नहीं होगी, उन विभागों के अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी, उन्होने कहा कि कार्य योजना बनाकर वसूली की प्रगति सुधारी जाये साथ ही प्रवर्तन कार्य में किसी प्रकार की कमी न रहे। उन्होने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये उप-जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, अधिशाषी अधिकारियों से कहा कि बार-बार निर्देशों के बावजूद भी निराश्रित गौवंशों को गौशालाओं में भेजने, आश्रय स्थलों के रख-रखाव में रूचि नहीं ली जा रही है, दि 15 सितम्बर तक छुट्टा गौवंशों को गौशालाओं में भेजने की कार्यवाही की जाये, सड़कों पर कहीं भी निराश्रित गौवंश दिखायी न दे, 15 सितम्बर के उपरान्त सम्बन्धित उप जिलाधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करते हुये प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी साथ ही सम्बन्धित अधिशाषी अधिकारी को विभागीय कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखा जायेगा।
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श्री सिंह ने अधिशाषी अधिकारियों से कहा कि गौशालाओं में गौवंशों के रख-रखाव में खानापूर्ति न की जाये, गौशालाओं में साफ-सफाई के बेहतर इंतजाम रहे, हरे चारे-भूसे की उपलब्धता, नियमित रूप से गौवंशों की पशु चिक्त्सिाधिकारियों द्वारा देख-रेख की जाये। उन्होने कहा कि कान्हा गौशाला प्रबन्धन समिति का गठन 01 सप्ताह में कराया जाये, सभी गौशालाओं में निराश्रित गौवंश एल्बल बनायी जाये, सभी उप जिलाधिकारी अपने-अपने तहसील क्षेत्र में 05-05 अस्थाई गौ आश्रय स्थल निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर खंड विकास अधिकारियों को उपलब्ध करायें। समीक्षा के दौरान जानकारी करने पर पाया कि किसी भी नगर पंचायत, नगर पालिका द्वारा पशुओं को छोडने पर जुर्माने का निर्धारण नहीं किया गया है, जिस पर उन्होंने अधिशाषी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि 01 सप्ताह में पहली बार पशुओं को छोडने पर रू. 02 हजार, दूसरी बार छोडने पर रू. 05 हजार तथा तीसरी बार छोडने पर रू. 10 हजार के जुर्माने का निर्धारण किया जाय। उन्होंने कहा कि पशु पालकों, डेयरी वालों की सूची बनाकर दुध दुहने के बाद छोडने वाले पशुपालकों, डेयरी वालों पर जुर्माने की कार्यवाही की जाये। उन्होने बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, किशनी, घिरोर, कुरावली, अभिषेक कुमार, अंजली सिंह, गोपाल शर्मा, योगेन्द्र कुमार, अवनीश कुमार, राजस्व अधिकारी आर.एन. वर्मा, डिप्टी कलेक्टर सै. सानिया सोनम एजाज, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी शिवम यादव, जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सनिल दुबेद्वी, प्रशासनिक अधिकारी हरेन्द्र कुमार, कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी, सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।