अंतराष्ट्रीय

चीन से है पार पाना तो भारत (India )को होगा साथ लाना

वॉशिंगटन. शीर्ष अमेरिकी सीनेटर चक शूमर ने शुक्रवार को कहा कि चीन को मात देने के लिए अमेरिका और यूरोप को भारत (India ) जैसे देशों की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि उन सभी को एक साथ काम करने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक तेजी से आक्रामक होती चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने लोकतांत्रिक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था कहीं बिखर न जाए.

न्यूयॉर्क के सीनेटर शूमर ने वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूरोपीय लोगों और अंतर्राष्ट्रीय नेताओं को बताया कि दरअसल, इसी संदेश के साथ वे अगले सप्ताह भारत में सीनेटरों के एक शक्तिशाली द्विदलीय समूह का नेतृत्व कर रहे हैं.

‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र’
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में मैक्केन अवॉर्ड डिनर में शूमर ने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए कि एक तेजी से आक्रामक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने लोकतांत्रिक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था विघटित न हो. और यह कार्य केवल अमेरिका और यूरोप का नहीं है: चीन को मात देने के मद्देनजर हमारे साथ काम करने के लिए हमें भारत जैसे देशों की आवश्यकता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.’

‘चीन को मात देने में भारत एक मजबूत भागीदार हो सकता है’
शूमर ने कहा, ‘मैं भारत की यात्रा पर जाऊंगा और उन्हें वही संदेश दूंगा जो हम चीन से उभरते खतरे का मुकाबला करने के लिए चाहते हैं. मैं यूरोप से भी ऐसा करने का आग्रह करता हूं. भारत, अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं के साथ, चीन को मात देने में एक बहुत मजबूत भागीदार हो सकता है. और भारत पश्चिमी देशों के साथ साझेदारी कर रहा है, जिससे हम लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं.’

शूमर ने कहा था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उदय का सामना करने के लिए लोकतांत्रिक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत होना चाहिए.

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