50 हजार शिक्षकों और 60 हजार सहायक अध्यापकों की होगी बहाली-शिक्षा मंत्री
गिरिडीह: हेमंत सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि झारखंड सरकार ने जो नियोजन नीति बनाई थी वह बिलकुल सही थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया। ऐसे में सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने और अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि राज्य में 50 हजार शिक्षकों व 60 हजार सहायक अध्यापकों की बहाली होगी। रविवार को उन्होंने नगलो आरईओ रोड से खांखीखुर्द तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाले रोड का भूमि पूजन किया। इसी दौरान वह लोगों को संबोधित कर रहे थे।
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मंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 35 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें 50 हजार शिक्षकों की बहाली की जाएगी। 80 विद्यालयों को पूरी तरह से सीबीएसई की तर्ज पर बनाया गया है। उनमें निजी स्कूलों से भी अच्छी व्यवस्था की जाएगी। प्राथमिक को मध्य, मध्य को उच्च और उच्च को प्लस टू में उत्क्रमण करने की आवश्यकता और लोगों की मांग को पूरा किया जाएगा। दो मई 2023 को यहां एक बड़ी सौगात दी जाएगी। कोनार नहर परियोजना के तहत बहुत जल्द नहर का पानी किसानों को मिलेगा।
यदि नियोजन नीति नहीं लागू हो पाई तो शिक्षा विभाग 60 हजार सहायक अध्यापक की जल्द बहाली करेगा। नियोजन नीति नहीं लागू होने से सबसे बड़ा नुकसान शिक्षा विभाग को हुआ है। यदि झारखंड राज्य बना है तो इसका लाभ यहां के मूलवासियों को मिलना चाहिए। कोर्ट का फैसला मान्य है।उन्होंने कहा कि इस सड़क के बन जाने से 25 हजार ग्रामीणों को आने जाने में सुविधाएं होंगी। कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत बननेवाली सड़क में केंद्र का अंश 60 और राज्य का अंश 40 प्रतिशत रहता है जबकि एनएच के तहत बनने वाली सड़क केंद्र सरकार, पीडब्ल्यूडी जबकि राज्य संपोषित के तहत बनने वाली सड़क राज्य सरकार की होती है।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रखंड के धावाटांड़ मोड़ से फतेहपुर तक बनने वाली सड़क के कार्य को अतकी में स्थानीय ग्रामीणों ने शनिवार को रोक दिया था। ग्रामीण प्राक्कलन की अनदेखी करने व अनियमितता बरतने का आरोप लगा रहे थे। मुखिया ईश्वर हेंब्रम और भाजपा नेता दीपक श्रीवास्तव के नेतृत्व में आए दर्जनों ग्रामीणों ने कार्य को बंद कराया था।