उन्नाव

2वें संविधान दिवस पर सभी सरकारी दफ्तरों में दिलाई गई शपथ

उन्नाव । 26 नवंबर का दिन भारत का एक ऐतिहासिक दिन होता है, इस दिन सम्मेलन से निर्मित किसी देश का सर्वाेच्च उच्च प्राथमिक मूल कानून को तैयार किया गया था। इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं 26 नवंबर  2015 से इसे संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया था। आज 72वें संविधान दिवस के अवसर जनपद के सभी सरकारी दफ्तरों में संविधान उद्देशिका प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई तथा संसद से प्रधानमंत्री राष्ट्रपति व लखनऊ से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण देखा गया। बार एसोसिएशन व कलेक्ट्रेट परिसर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की एलईडी वैन द्वारा कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया गया। जिलाधिकारी ने कहा आप सब को  जो आज संविधान की शपथ दिलाई गई है इसी का सब अपने जीवन में सरकारी दायित्व के साथ अनुपालन करें हमें सरकारी कार्य करने का जो सौभाग्य प्राप्त हुआ है यह हमारे लिए बहुत गौरव की बात है।

अपने स्तर पर जो भी कार्य हो उसे ईमानदारी सत्यनिष्ठा लगनता, तत्परता के साथ करें। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने इस अवसर पर सभागार में उपस्थित आयोजित कार्यक्रम के दौरान मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों आदि को मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलाई। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर “हम भारत के संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे। संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज व राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करना चाहिए। देश में संप्रभुता, अखण्डता की रक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को सम्मान देने, हिंसा से दूर रहते हुए बंधुता को बढ़ावा देने, सामाजिक संस्कृति का संवर्धन व पर्यावरण का संरक्षण करने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने, व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधि में उत्कृष्टता बढ़ाने, सबको शिक्षा के अवसर प्रदान करने एवं स्वतत्रंता आन्दोलन के आदर्शों को बढ़ावा देंगे“ का आहवान करते हुए शपथ दिलाई। जिलाधिकारी ने कहा कि आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया। इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से देखने-परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया, इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था ,यही वजह है कि देश में हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2015 से संविधान दिवस मनाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि एनेकता में एकता की मिशाल है भारत का संविधान, हमें संवैधानिक व्यवस्था के साथ चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

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