दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या
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प्रयागराज । फाफामऊ के मोहनगंज गोहरी गांव में हुई दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या मामले में पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए बुधवार को राष्ट्रीय दलित न्याय आन्दोलन नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिंह एवं पूर्व आईएएस हरीश चन्द्रा ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराया जाय। पीडि़त परिवार की सुरक्षा एवं मुकदमें की पैरवी के लिए भत्ता दिया जाय।
श्री चन्द्रा ने कहा कि घटनास्थल का निरीक्षण एवं पीडि़त परिवार से मिलकर पूरी जानकारी ली गई। पूरी वारदात का विवरण बताते हुए कहा कि वर्ष 2019 से शुरू हुआ विवाद मामले में एससीएसटी न लगाया जाना और दबंग ठाकुर परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना तथा दबंगो को थाने में बैठाकर पुलिस आवभगत कर रही थी। ऐसे में उस परिवार को न्याय नहीं मिल पाया। पहली वारदात में फूलचन्द्र व उसके परिवार को घायल किया गया था। इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ एससीएसटी नहीं लगाया गया। यह गम्भीर मामला है। इस मामले में तत्कालीन विवेचक और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और इतना ही उनके खिलाफ नए अधिनियम के तहत एससीएसटी के साथ मुकदमा दर्ज करके जेल भेजना चाहिए। जिला प्रशासन इस हत्याकाण्ड में नामजद सभी आरोपियों का डीएनए जांच कराए, जिससे वास्तविक आरोपी पकड़े जाय, पीडि़त परिवार को निशुल्क शस्त्र लायसेंस दिया जाय। पीडि़त परिवार को न्यायालय में ट्रायल पूरा होने तक पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाय। पूर्व में मृतक परिवार के साथ घटित घटना मामले में अभी तक आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल नहीं हुआ है, जिसे तत्काल दाखिल किया जाय।
इस मौके पर निदेशक डग लखनऊ रामकुमार,राष्ट्रीय दलित मानव अधिकार अभियान के राज्य जनरल सेक्रेट्री अधिवक्ता रामदुलार,सरिता गौतम, आदित्य कुमार, सृष्टि, डाक्टर आरपी गौतम, सेवा निवृत्त उप पुलिस अधीक्षक बहादुरराम, चन्द्रबली पटेल राष्ट्रीय स्तर की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जिलाधिकारी से मिलकर गहन वार्ता की।