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तेज़ी से फैल रहा है ‘Tomato flu’ बच्चों पर आई नई मुसीबत !

नई दिल्ली – के पार पहुंच चुकी है। सभी पुष्ट मामले में बच्चों की उम्र पांच साल से कम है और जो रिपोर्ट स्थानीय सरकारी अस्पतालों से आई है।

क्या है टमाटर फ्लू

‘Tomato flu’ को टमाटर बुखार भी कहा जाता है, इसमें बच्चों को अज्ञात बुखार का अनुभव होता है। इस बात पर अब भी बहस जारी है कि टमाटर बुखार वायरल बुखार है या चिकनगुनिया या डेंगू बुखार का परिणाम। एक संक्रमित बच्चे को चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण का अनुभव होता है। इससे शरीर के कई हिस्सों में छाले पड़ जाते हैं। छाले आमतौर पर लाल होते हैं, और यही वजह है कि इसे टमाटर फ्लू या टमाटर बुखार कहा जाता है।


इस बीमारी के लक्षणों में

त्वचा पर चकत्ते और जलन शामिल है।
जो बच्चे इस बीमारी से संक्रमित होते हैं, वे थकावट, जोड़ों में दर्द, तेज़ बुखार और बदन दर्द का अनुभव करते हैं।
हाथों, घुटनों, कूल्हों की त्वचा का रंग बिगड़ना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
संक्रमित बच्चे पेट में एंठन, मतली, उल्टी या दस्त का भी अनुभव कर सकते हैं।
अन्य लक्षणों में खांसी, छींक और नाक बहना भी शामिल है।

कारण

इस बीमारी के कारणो  के बारे में अब भी जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी टमाटर बुखार के मुख्य कारणों की जांच कर रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, भारत में सिर्फ कोल्लम के कुछ हिस्सों में टमाटर फ्लू देखा गया है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो यह अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है।

बचने के उपाय

अगर बच्चे में इस बीमारी के लक्षण नज़र आते हैं, तो माता-पिता को तुरंत नज़दीकी डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
संक्रमितत बच्चे को एक्सपर्ट्स शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट रखने की सलाह देते हैं।
त्वचा पर हुए छाले और चक्तों को नाखून से न खरोचें। स्वच्छता और हाइजीन का पालन करना भी ज़रूरी है।
संक्रमित व्यक्ति से परिवार के सदस्यों और दोस्तों को दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
बुखार के लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव से बचने के लिए रोगियों को उचित आराम करना चाहिए।

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