main slideउत्तर प्रदेश
जानें कैसी होंगी फैसिलिटी, चेन्नई में बनना शुरू हुए लखनऊ मेट्रो के डिब्बे
लखनऊ.लखनऊ मेट्रो के कोच का निर्माण चेन्नई में शुरू हो गया है। इन कोच में लखनऊ की तहजीब और सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी। सीएम अखिलेश यादव और पत्नी डिंपल यादव ने सोमवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन और लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एलएमआरसी) के एमडी कुमार केशव की मौजूदगी में मेट्रो के कोच की डिजाइनिंग का प्रजेंटेशन देखा। एक बटन दबाते ही रुक जाएगी मेट्रो…
– एमडी कुमार केशव ने बताया कि लखनउ मेट्रो में इस बात की सुविधा दी गई है कि अगर आप ट्रेन से नहीं उतर पा रहे है तो एक इमरजेंसी बटन आपको दबाना पड़ेगा।
– आप जैसे ही बटन दबाएंगे, मैसेज ड्राइवर के साथ सेंट्रल सिक्युरिटी सिस्टम के पास चला जाएगा और ट्रेन रुक जाएगी।
– आपको उतरने के बाद ट्रेन फिर चल देगी।
– आप जैसे ही बटन दबाएंगे, मैसेज ड्राइवर के साथ सेंट्रल सिक्युरिटी सिस्टम के पास चला जाएगा और ट्रेन रुक जाएगी।
– आपको उतरने के बाद ट्रेन फिर चल देगी।
– कोच में लखनऊ की तहजीब और सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी।
– सुरक्षा और आराम के लिहाज से यात्रियों के मनमाफिक होगी।
– सुरक्षा और आराम के लिहाज से यात्रियों के मनमाफिक होगी।
स्टेनलैस स्टील से बनाए जांएगे कोच
– हर कोच में बाहर की तरफ गोल्डन कलर चिकनकारी को दर्शाया गया है, जो लखनऊ की पहचान है।
– सभी कोच को स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है।
– कोच की भीतरी छत को व्हाइट कलर दिया गया है, जबकि सभी कोच में एलईडी लाइट लगाई गई है।
– कोच के अंदर इस तरह से रंगों को डिजाइन किया गया है, जो एक दूसरे को कंट्रास्ट करें।
– साइड को ग्रे कलर दिया गया है। ड्राफ्ट स्क्रीन के उपर ग्लासेस लगे हुए हैं।
– हर कोच में दो एडवर्टीजमेंट एलसीडी बोर्ड होंगे। कोच में डिस्टीनेशन बताने वाले डिस्पले बोर्ड डोर प्वाइंट के ऊपर लगाए गए हैं।
– इससे यात्रियों को पता चल सकेगा कि उनका डेस्टीनेशन या स्टेशन कितनी दूर है।
– सभी कोच को स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है।
– कोच की भीतरी छत को व्हाइट कलर दिया गया है, जबकि सभी कोच में एलईडी लाइट लगाई गई है।
– कोच के अंदर इस तरह से रंगों को डिजाइन किया गया है, जो एक दूसरे को कंट्रास्ट करें।
– साइड को ग्रे कलर दिया गया है। ड्राफ्ट स्क्रीन के उपर ग्लासेस लगे हुए हैं।
– हर कोच में दो एडवर्टीजमेंट एलसीडी बोर्ड होंगे। कोच में डिस्टीनेशन बताने वाले डिस्पले बोर्ड डोर प्वाइंट के ऊपर लगाए गए हैं।
– इससे यात्रियों को पता चल सकेगा कि उनका डेस्टीनेशन या स्टेशन कितनी दूर है।
इमामबाड़ा, रुमीगेट मिक्स डिजाइन के होंगे लोगो
– हर कोच में एक लोगो लगा होगा। इस लोगों को इमामबाड़ा, रुमीगेट की डिजाइन को मिक्स करके बनाया गया है।
– हर कोच के अंदर लोगों के लिए पकड़कर खड़े होने के लिए ग्रैब हैंडल लगाए गए है, जो रेड कलर के हैं।
– स्प्रिंग लोडेड है, जिससे लोगों को आरामदायक महसूस हों।
– वहीं, हर कोच में करीब फोन चार्ज करने के लिए 18 प्वाइंट बनाए गए है। ये प्वाइंट सीट के पीछे होंगे।
– हर कोच के अंदर लोगों के लिए पकड़कर खड़े होने के लिए ग्रैब हैंडल लगाए गए है, जो रेड कलर के हैं।
– स्प्रिंग लोडेड है, जिससे लोगों को आरामदायक महसूस हों।
– वहीं, हर कोच में करीब फोन चार्ज करने के लिए 18 प्वाइंट बनाए गए है। ये प्वाइंट सीट के पीछे होंगे।
नहीं महसूस होंगे झटके
– एक कोच से जब दूसरे कोच के ज्वाइंट का प्वाइंट विशेष तरह से बनाया गया है।
– लोगों को एक से दूसरे कोच में जाते समय ये महसूस नहीं होगा कि वे कोच बदल रहे हैं।
– उपर डिस्टीनेशन इंडीकेटर लगा होगा, जो एलसीडी से बना है। जिसमें आने वाले स्टेशन का नाम आता रहेगा।
– यात्रियों को पता चलता रहेगा कि कौन सा स्टेशन आने वाला है।
– लोगों को एक से दूसरे कोच में जाते समय ये महसूस नहीं होगा कि वे कोच बदल रहे हैं।
– उपर डिस्टीनेशन इंडीकेटर लगा होगा, जो एलसीडी से बना है। जिसमें आने वाले स्टेशन का नाम आता रहेगा।
– यात्रियों को पता चलता रहेगा कि कौन सा स्टेशन आने वाला है।
हर कोच में होंगे 6 विंडो
– हर कोच में 6 विंडो होगी। सुरक्षा के लिहाज से हर कोच में सीट के नीचे आग से बचाव के लिए दो एक्सटिग्यूसर लगाए गए हैं।
– जबकि, राइट की तरफ कार्नर में स्मोक डिटेक्टर भी लगाए गए हैं।
– अनाउसमेंट सिस्टम भी हर कोच में लगा है, जिससे ड्राइवर हर चीज को मैनेज कर सके।
– हर कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होगा।
– जबकि, राइट की तरफ कार्नर में स्मोक डिटेक्टर भी लगाए गए हैं।
– अनाउसमेंट सिस्टम भी हर कोच में लगा है, जिससे ड्राइवर हर चीज को मैनेज कर सके।
– हर कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस होगा।
दिव्यांगों के लिए होगी ये फैसिलिटी
– दिव्यांगों के लिए आगे और पीछे ड्राइवर कोच के पीछे दो स्पेशल स्पेस बनाया गया है।
– यहां पर दिव्यांग के लिए स्पेशल मार्क होगा। वहीं पर रिक्वेस्ट बटन लगा होगा।
– जैसे ही दिव्यांग उस रिक्वेस्ट बटन को दबाएगा, तो ड्राइवर को पता चल जाएगा कि ट्रेन के अंदर दिव्यांग है और वो ट्रेन से उतरना चाहता है।
– इमरजेंसी में वो सीधे ड्राइवर से कम्युनिकेट भी कर सकता है।
– यहां पर दिव्यांग के लिए स्पेशल मार्क होगा। वहीं पर रिक्वेस्ट बटन लगा होगा।
– जैसे ही दिव्यांग उस रिक्वेस्ट बटन को दबाएगा, तो ड्राइवर को पता चल जाएगा कि ट्रेन के अंदर दिव्यांग है और वो ट्रेन से उतरना चाहता है।
– इमरजेंसी में वो सीधे ड्राइवर से कम्युनिकेट भी कर सकता है।
ड्राईवर कोच भी होगा आरामदायक
– मेट्रो के डाईवर कोच को भी काफी आरामदायक बनाया गया है।
– कोच के लेफ्ट की तरफ कंट्रोल सिस्टम होगा, जबकि बीच में इमरजेंसी गेट और राइट तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिसमें बराबर होने वाली चीजे चलती रहेंगी।
– मेट्रो ट्रेन पूरी तरह से आटोमेटेड होगी और सेंट्रल कंट्रोल सिस्टम से कंट्रोल होगी। ड्राइवर का काम सुपरवाईजर का होगा।
– कोच के लेफ्ट की तरफ कंट्रोल सिस्टम होगा, जबकि बीच में इमरजेंसी गेट और राइट तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिसमें बराबर होने वाली चीजे चलती रहेंगी।
– मेट्रो ट्रेन पूरी तरह से आटोमेटेड होगी और सेंट्रल कंट्रोल सिस्टम से कंट्रोल होगी। ड्राइवर का काम सुपरवाईजर का होगा।
एक साथ 1100 यात्री करेंगे ट्रैवेल
– चार कोच की मेट्रो ट्रेन में एक साथ 1100 यात्री टैवेल कर सकेंगे।
– नार्थ साउथ कॉरीडोर के लिए एलएमआरसी ने 80 कार ट्रेन बनाने का टेंडर आल्सटॉम को सौंपा है, जो चेन्नई के श्रीसिटी में बनाए जा रहे हैं।
– नार्थ साउथ कॉरीडोर के लिए एलएमआरसी ने 80 कार ट्रेन बनाने का टेंडर आल्सटॉम को सौंपा है, जो चेन्नई के श्रीसिटी में बनाए जा रहे हैं।