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श्रीमद्भागवत कथा भारतीय संस्कृति के गौरव गाथा का गुणगान: अनिरुद्ध महाराज

प्रयागराज । श्रीमद्भागवत की कथा भारतीय संस्कृति की गौरव गाथा का गुणगान है और भारत की सांस्कृतिक चेतना का आधारशिला है। यह सत्कर्म का सूचक और ज्ञान को प्रकट करने वाली कथा है जो जीव के जीवन की व्यथा को दूर करती है।
यह बातें मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका में अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन प्रयागराज द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस के अवसर पर डॉ अनिरुद्ध महाराज ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक धरातल पर देखा जाए तो धर्म अतिथि सत्कार पितृपूजा मातृत्व भक्ति कर्म निष्ठा आस्तिकता और जितनी भी भारतीय सांस्कृतिक मूल्य है। उन सब के प्रति श्रीमद्भागवत प्रेरित करती है और यही जीवन मूल्य मनुष्य के भीतर मनुष्यता का निर्माण करता है। उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्री हरि के 24 अवतारों का वर्णन किया।
कथा के मुख्य आरती जय शिव सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष ओंकार नाथ त्रिपाठी, बेनी माधव मंदिर पीठाधीश्वर अभिषेक दुबे, जय शिव सेना प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, ठाकुर हरदयाल प्रताप सिंह के प्रबंधक उदय प्रताप सिंह एवं रॉबिनहुड के कार्यकर्ता एवं भक्तगण शामिल रहे। कथा के मुख्य यजमान प्यारेलाल जायसवाल रहे एवं संचालन राजेश केसरवानी ने किया। इस अवसर पर रतन अग्रवाल, नीरज गुप्ता, प्रबोध मानस, अभिलाष केसरवानी, उषा केसरवानी, संतोष चौरसिया, कुसुम केसरवानी, विमला जायसवाल, सरिता जायसवाल, विजयलक्ष्मी केसरवानी,  अजय अग्रहरि, आलोक वैश्य, राकेश जायसवाल एवं भक्त गण उपस्थित रहे।

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