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भर्ती प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, हेल्थ मिनिस्टर ने अपने ही सरकार पर उठाए सवाल

लखनऊ.नवनियुक्त परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण राज्यमंत्री रविदास मेहरोत्रा ने अपने ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने विभाग के पूर्व मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कुपोषण के शिकार हुए बच्चों में विकलांग बच्चों का आंकड़ा विभाग के पास नहीं है। जबकि प्रदेश के 8 जिलों में एक भी पुर्नवास केंद्र न होने के साथ ही राजधानी में सिर्फ एक पुर्नवास केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के तहत आगे सारी भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन कराई जाएंगी। वहीं, डॉक्टरों का कैम्पस इंटरव्यू कर उन्हें सीधे नौकरी दी जाएगी। उन्होंने ये बातें सोमवार को रविदास मेहरोत्रा ने अपने कार्यालय में मीडिया से बातचीत करने के दौरान की।
जो काम 4 साल में नहीं हो सका, उसे 6 माह में पूरा करेंगे
-रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि 2 लाख 81 हजार बच्चे हर साल में मरते हैं। 14 हज़ार 680 माताओं की मौत होती है।
-यूपी को लेकर ये आंकड़े चिंताजनक है। मृत्युदर को कम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
-यूपी में 14 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं उनकी बेहतरी के लिए अभियान चलाया जाएगा।
-उन्होंने बताया कि विभाग में 4894 पद एएनएम के, 7600 बीएचडब्ल्यू, 346 स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और 353 सहायक शोध अधिकारी के रिक्त पद भरे जाएंगे।
-जो काम चार साल में नहीं हुआ वो 4 से 6 महीने में करके दिखाएंगे।
-बताते चलें कि जब से उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली हैं तब से वो लगातार अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं।
संस्थागत प्रसव की दर में 10 फीसदी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य
-उन्होंने कहा कि अभी तक 250818 के सापेक्ष 281308 संस्थागत प्रसव हुए हैं, जो एक फीसदी अधिक है।
-5400000 प्रसव में से 2700000 प्रसव ही सरकारी अस्पतालों में होते हैं। लगभग 1200000 प्रसव निजी हास्पीटल में होते हैं।
-ऐसे में संस्थागत प्रसव में 10 फीसदी बढ़ोत्तरी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
-उन्होंने कहा कि जेएसवाई के तहत 455308 के सापेक्ष 589035 नि:शुल्क जांचे हुई है।
-इनमें 589035 के सापेक्ष 577713 महिला रोगियों को नि:शुल्क उपचार और 160044 के सापेक्ष 208832 महिलाओं को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया है।
-अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नि:शुल्क इलाज के साथ ही 48 घंटे तक प्रसव के बाद महिलाओं को जाने न दिया जाए।