प्रयागराज
प्रयागराज में पहली बार मूत्र रोगों की जांच में ‘यूरोफ्लोमेट्री’ का उपयोग : डॉ आरसी गुप्ता
प्रयागराज । ‘यूरिनरी इनकान्टिनेन्स’ एक ऐसी बीमारी है जिसमें महिलाओं एवं पुरूषों के मूत्राशय में पेशाब रोकने की क्षमता समाप्त हो जाती है। जिसकी जांच के लिए प्रयागराज में पहली बार एक नई विधि ‘यूरोफ्लोमेट्री’ आयी है। जिसके माध्यम से इस तरह के मरीजों का इलाज सम्भव हो सकता है।
यह बातें इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट तथा दीपगंगा क्लीनिक के निदेशक डॉ. आर.सी गुप्ता ने रविवार को ‘‘मूत्र रोगों के जांच में यूरोफ्लोमेट्री का उपयोग’’ विषय पर संगोष्ठी में कही। उन्होंने आगे कहा कि इस बीमारी में खांसी या छींक आने पर, अधिक हंस लेने पर या अत्याधिक बेचैनी होने पर मरीज अपनी पेशाब रोक नहीं पाता है। उन्होंने बताया कि इसकी जांच अब दीपगंगा यूरो क्लिनिक में सम्भव है।
ए.एम.ए अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित व्याख्यान में अन्य वक्ता डॉ.शिवांशु सिंह (यूरोलॉजिस्ट) जो वाराणसी से आये थे, ने यूरोडाइनामिक्स विषय पर अपना व्याख्यान दिया और उसकी प्रक्रिया के बारे सभी उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया। इसी के साथ-साथ उन्होंने बताया कि यदि कोई न्यूरो से सम्बन्धित या पूर्व में हुई असफल चिकित्सा के कारण मूत्राशय मे पेशाब का रूकना प्रभावित होता है तो यूरोफ्लोमेट्री द्वारा उसकी पहचान व सफल उपचार किया जा सकता है।
इसके पूर्व एएमए अध्यक्ष ने दोनों वक्ताओं को स्मृति चिन्ह एवं चेयरपर्सन डॉ. सौरभ गुजराती, डॉ.शास्वती सेन और डॉ. शिरीष मिश्रा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। एएमए के सहायक सचिव डॉ.अभिनव अग्रवाल ने संगोष्ठी का संचालन तथा सचिव डॉ.आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में डॉ.सुबोध जैन, डॉ.अशोक अग्रवाल, डॉ.रोहित गुप्ता, डॉ.अतुल दूबे, डॉ.उत्सव सिंह, डॉ.सुभाष वर्मा, पीआरओ डॉ.अनूप चौहान आदि उपस्थित थे।
यह बातें इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट तथा दीपगंगा क्लीनिक के निदेशक डॉ. आर.सी गुप्ता ने रविवार को ‘‘मूत्र रोगों के जांच में यूरोफ्लोमेट्री का उपयोग’’ विषय पर संगोष्ठी में कही। उन्होंने आगे कहा कि इस बीमारी में खांसी या छींक आने पर, अधिक हंस लेने पर या अत्याधिक बेचैनी होने पर मरीज अपनी पेशाब रोक नहीं पाता है। उन्होंने बताया कि इसकी जांच अब दीपगंगा यूरो क्लिनिक में सम्भव है।
ए.एम.ए अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित व्याख्यान में अन्य वक्ता डॉ.शिवांशु सिंह (यूरोलॉजिस्ट) जो वाराणसी से आये थे, ने यूरोडाइनामिक्स विषय पर अपना व्याख्यान दिया और उसकी प्रक्रिया के बारे सभी उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया। इसी के साथ-साथ उन्होंने बताया कि यदि कोई न्यूरो से सम्बन्धित या पूर्व में हुई असफल चिकित्सा के कारण मूत्राशय मे पेशाब का रूकना प्रभावित होता है तो यूरोफ्लोमेट्री द्वारा उसकी पहचान व सफल उपचार किया जा सकता है।
इसके पूर्व एएमए अध्यक्ष ने दोनों वक्ताओं को स्मृति चिन्ह एवं चेयरपर्सन डॉ. सौरभ गुजराती, डॉ.शास्वती सेन और डॉ. शिरीष मिश्रा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। एएमए के सहायक सचिव डॉ.अभिनव अग्रवाल ने संगोष्ठी का संचालन तथा सचिव डॉ.आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में डॉ.सुबोध जैन, डॉ.अशोक अग्रवाल, डॉ.रोहित गुप्ता, डॉ.अतुल दूबे, डॉ.उत्सव सिंह, डॉ.सुभाष वर्मा, पीआरओ डॉ.अनूप चौहान आदि उपस्थित थे।