अंतराष्ट्रीय

फ़्रांस के राजदूत को देश से बाहर भेजने का प्रस्ताव पाक की सांसद में लाया जाय ,कट्टरपंथियों के आगे झुके पीएम

लाहौर :फ्रांस के राजदूत को वापस भेजने की मांग पर अड़े उग्र प्रदर्शनकारियों के आगे पाकिस्तान की सरकार एक बार फिर से झुकती नजर आ रही है। पाकिस्तान की संसद में अब मंगलवार को इस पर प्रस्ताव लाया जाएगा कि फ्रांसिसी राजदूत को देश से निकाला जाए या नहीं। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर छिड़े बवाल के बाद कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के हजारों समर्थक सड़कों पर उतर आए थे। बीते पूरे हफ्ते समर्थकों ने लाहौर में उग्र प्रदर्शन किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश की सटायरकिल मैगजीन की ओर से पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापे जाने के अधिकार की तरफदारी की थी। इसके बाद कई महीनों तक पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत के खिलाफ प्रदर्शन हुए। बता दें कि मुस्लिम समुदाय पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापे जाने को ईशनिंदा मानता है।

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि सरकार फ्रांसिसी राजदूत के निलंबन पर वोट कराने को तैयार है और इसके एवज में टीएलपी ने यह वाद किया है वह पूरे देश में अपना धरना-प्रदर्शन खत्म करेगी।

हालांकि, टीएलपी के कुछ नेताओं ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया है कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार दोपहर एक आपातकाली सत्र बुलाया है, जहां यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा। हालांकि, प्रस्ताव पर वोटिंग कब होगी यह तय नहीं है।

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने भी सोमवार को कट्टरपंथी समूह से निवेदन किया था कि वह फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने के लिए हिंसक प्रदर्शन खत्म करे। राष्ट्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि इससे देश को नुकसान होगा, फ्रांस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

बता दें कि हिंसक प्रदर्शन में अब तक कई पुलिसवालों की जान जा चुकी है। टीएलपी ने 11 पुलिसवालों को रविवार कुछ देर के लिए बंधक तक बना लिया था। वहीं, टीएलपी का कहना है कि उसके भी कुछ समर्थकों की हिंसा में जान गई है।

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