होशियारपुर की होनहार बेटी: तान्या शेरगिल
15 जनवरी को आयोजित 72वां सेना दिवस इस मामले में खास रहा कि सैन्य इतिहास में पहली दफा एक महिला कैप्टन तान्या शेरगिल ने आर्मी परेड को लीड किया। तान्या गणतंत्र दिवस परेड में भी सेना की एक टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। साफ तौर पर यह पुरुषों के अत्यधिक वर्चस्व वाले क्षेत्रों में भी महिलाओं के बढ़ते दखल, प्रधानता और महत्व को बयां करता है। साइंस, मैनेजमेंट, एजुकेशन, उद्यमिता से लेकर कोई ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां महिलाओं ने मेहनत, लगन और साहस के दम पर अपना सिक्का नहीं जमाया हो।
1992 में महिला अधिकारियों को पहली दफा गैर-चिकित्सकीय कार्यों में प्रवेश की अनुमति मिली थी। इसके बाद लगातार उनकी भूमिका बढ़ती गई। 2007 में यूएन की शांति सेना में 105 भारतीय महिलाओं ने हिस्सा लिया। महिलाओं को अब वायु सेना और नौसेना से लेकर सभी तरह की लड़ाकू बटालियनों में रखा जाता है। इस समय भारतीय सेना में 3 फीसदी, नौसेना में 2.8 फीसदी और वायु सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 8.5 फीसदी तक हो गई है।
मौका था 72वें थल सेना दिवस का, दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में आयोजित परेड का नेतृत्व करती एक जोश में लवरेज युवा महिला सीना तान कर चलती नजर आ रही थी, वो कोई और नहीं तान्या शेरगिल थीं ।
तान्या शेरगिल एक ऐसे माहौल से निकलकर आती हैं जिसकी तीन पीढ़ी ने देश की सेना का मान बढ़ाया है। तान्या अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं जो सेना में भर्ती हुई हैं। उनके पिता तोपखाने (आर्टिलरी), दादा बख्तरबंद (आर्मर्ड) और परदादा सिख रेजिमेंट में पैदल सैनिक (इन्फेंट्री) के रूप में सेवा दे चुके हैं।
तान्या इस बार गणतंत्र दिवस परेड में आकर्षण का केंद्र रहेंगी वो पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। बचपन से परिवार का माहौल ही ऐसा रहा कि घर की आबो हवा में देश, देशभक्ति और वतन पर मर मिट जाने का जज्बा घुलता मिलता रहा। पिता सेना तो मां अध्यापिका रहीं, तो शिक्षा के साथ सेना के संस्कार अपने आप संस्कारों में आते गए।
उनके पिता तोपखाने (आर्टिलरी), दादा बख्तरबंद (आर्मर्ड) और परदादा सिख रेजिमेंट में पैदल सैनिक (इन्फेंट्री) के रूप में सेवा दे चुके थे, बचपन से ही सेना में आने की प्रेरणा तान्या को घर से मिलने लगी, दादा से लेकर परदादा तक तान्या ने देश की सेना को जाना, समझा और अपने लिए चुन भी लिया।
तान्या शेरगिल को बहादुरी विरासत में मिली। पंजाब के हाेशियारपुर के गढ़दीवाला कस्बे की रहने वाली है तान्या शेरगिल की यह खबर दिल्ली से निकलकर हाेशियारपुर तक पहुंची तो बाशिंदा फक्र से अपनी बेटी पर नाज करने लगा। तान्या के पिता सूरत सिंह और मां लखविंदर गढ़दीवाला में रहते हैं। तान्या के भाई विदेश में नौकरी कर रहा है।
तान्या शेरगिल मार्च 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से सेना में शामिल हुई थीं । उन्होंने अपनी शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्युनिकेशंस में की हैं और बीटेक किया है। लंबाई 5 फुट 9 इंच और हंसमुख चेहरा, खूबसूरत शख्सियत हैं तान्या शेरगिल। तान्या के नाम का डंका तो पूरे देश में बज रहा है, मगर तान्या संगीत की शौकीन हैं और उनको फाेटाेग्राफी, ट्रेवलिंग का भी बहुत शौक है ।
सैल्यूट करेगा, दाहिने का सैल्यूट- सैल्यूट… बुलंद आवाज, जोशीले अंदाज में नपे तुले कदमों की थाप के साथ तान्या शेरगिल 26 जनवरी 2020 को राजपथ से पुरुषाें के वर्चस्व वाली सेना का नेतृत्व करेंगी। पुरुषों के अत्यधिक वर्चस्व वाले क्षेत्र में महिलाओं के बढ़ते दखल, प्रधानता और महत्व को बयां करता है तान्या शेरगिल का कदम।