main slideअंतराष्ट्रीयप्रमुख ख़बरेंबडी खबरेंब्रेकिंग न्यूज़

हिंद-प्रशांतः चीन को लेकर भारत ने उढ़या बड़ा कदम

पेरिस। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब यूरोप ने भी भारत के साथ आने का फैसला किया है। फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-वेस द्रायन ने एक आनलाइन समिट के दौरान कहा कि उनका देश यूरोपियन यूनियन और हिंद प्रशांत के बीच रिश्तों को लेकर 22 फरवरी को पेरिस में एक समारोह आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम को पेरिस फोरम का नाम दिया गया है।

22 फरवरी को होगा यूरोप और हिंद-प्रशांत के बीच रिश्तों पर केंद्रित समारोह

द्रायन ने कहा कि इस कार्यक्रम का एजेंडा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, कनेक्टिविटी और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने से जुड़ा होगा। फ्रांस के इस फैसले का भारत ने भी स्वागत किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘द फ्रेंच प्रेसिडेंसीः ईयू-इंडिया पार्टनरशिप’ आनलाइन समिट में फ्रांस के इस कदम की तारीफ की। उन्होंने कहा, हमने कल अपने गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के विमानों को उड़ान भरते देखा।

मैं इसका उदाहरण दे रहा हूं, क्योंकि यह भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती कूटनीतिक साझेदारी का उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा, फ्रांस भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अहम मौजूदगी रखता है। ऐसे में भारत और फ्रांस की साझेदारी बढ़ना, वह भी हिंद-प्रशांत को ध्यान में रखते हुए एक सामयिक फैसला है। मैं पेरिस में आयोजित होने वाले समारोह के लिए न्योते को भी स्वीकार करता हूं। इसमें हिस्सा लेना मेरे लिए सम्मान की बात होगी। जयशंकर ने कहा कि अब तक हमने क्वाड के दूसरे देशों के साथ जुड़ने पर चर्चा नहीं की है।

भारत में कोरोना संक्रमण दर 17.75 फीसदी, जाने पूरी खबर….

इमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि क्वाड के बाकी तीन सदस्यों का इस पर क्या विचार है। क्वाड अभी काफी नया संगठन है। हमें अपना एजेंडा तय करने में अभी काफी समय लगेगा। हिंद-प्रशांत के अलावा अफ्रीका को लेकर भारत के प्रयासों पर जयशंकर ने कहा, मोदी सरकार ने अफ्रीका में 18 नए दूतावास खोले हैं। हमने अफ्रीका में अपने विकास के वादों को निभाना जारी रखा है। वहां अभी भी काफी काम किए जाने की जरूरत है।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button