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हार के डर से छदम प्रत्याशी लड़ा रही भाजपा: हरिकिशोर तिवारी

लखनऊ। विधान परिषद स्नाताक चुनाव के लिए आगरा स्नातक क्षेत्र से लोक निर्माण विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्तिलेकर युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों का नेतृत्व करने उतरे स्नातक प्रत्याशी इं. हरिकिशोर तिवारी ”इटावा और अलीगढ़ के हरिकिशोर तिवारी (इंजीनियर साहब ) को लेकर चल रहे असंमजस को कर्मचारी और शिक्षक राजनीति का डेढ़ दशक से सफल नेतृत्व कर रहे इं. हरिकिशोर तिवारी ( इटावा) नेे बहुत ही आसानी से खत्म कर दिया है। उनका आरोप है कि भाजपा के इस डबल गेम से स्नातक मतदाता पहले ही सर्तक था लेकिन भाजपा ने मेरे नाम से प्रत्याशी उतार कर इस बॉत का प्रमाण दे दिया है कि उसे इस सीट मेरे उतरने से हार नजर आ रही है। पिछले दो से ढाई वर्षो में आगरा सहित स्नातक क्षेत्र के सभी 12 जनपदों के युवाओं और स्नातकों के बीच बेहतर सामाजन्स स्थापित करने में सफल इं.हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि अपने मतदाताओं को नाम के नाम से गुमराह होने से बचाने के लिए उन्होंने अपने नाम के आगे इटावा लिखने की अनुमति विधि सम्मत प्राप्त कर ली है। श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि एक सुनियोजित तरीके से मेरे नाम के प्रत्याशी उतारे जाने में सत्तारूढ़ पार्टी की अहम भूमिका है। मेरी स्नातक मतदाताओं के बीच लोकप्रियता को देखते हुए अलीगढ़ निवासी हरिकिशोर तिवारी इंजीनियर साहब का नामांकन शपथ पत्र में कई ऋुटियॉ होने के बावजूद नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया गया जबकि नियमानुसार निर्वाचन आयोग एक भी कालम अधूरा या गलत होने पर उसे निरस्त कर देता है।

उन्होंने कहाकि मैने स्वंय निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत कर उक्त नामांकन को रद्द करने की मांग की है। उधर नामांकन शपथ पत्र में कई ऋुटियॉ होने का उल्लेख करते हुए एक प्रत्याशी अनिल तिवारी ने निर्वाचन आयोग को लिखित रूप से अवगत कराया कि उक्त नामांकन पत्र के शपथ पत्र के पेज नम्बर 5 पर सकल कुल मूल्य में कटिंग कर हस्ताक्षर न करने,दोष सिद्ध कालम में कटिंग की गई लेकिन नियमानुसार नोटरी और मोहर नदारत है। पेज दस पर शैक्षिक अर्हता में विद्यालय एवं वर्ष अंकित नही किया गया। पेज 8 मे न तो हॉ काटा गया और न ही ना काटा गया। पेज 11 में उच्चतम शैक्षिक आर्हता विद्यालय का नाम अंकित नही है और शपथ पत्र के प्रथम पृष्ठ में उम्र का कालम रिक्त है। जैसी तमाम गलतियां हैं हरि किशोर तिवारी प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और आगरा विधानपरिषद सदस्य के प्रत्याशी ने आरोप लगाया की प्रदेश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी हार के डर से जानबूझकर हमारे विरुद्ध ऐसे प्रत्याशी को लड़ा रही है जो हाई स्कूल पास है। परंतु मेरा नाम राशि है गलत तथ्यों के आधार पर भी दबाव डालकर उसकी पर्ची को शामिल किया गया। जिसकी शिकायत चुनाव आयोग लखनऊ दिल्ली और रिटर्निंग अफसर आगरा को भी की गई परंतु उन्होंने संज्ञा नित होकर पर्चा खारिज नहीं किया। इसकी शिकायत दूरभाष द्वारा आयोग के जिम्मेदार आधिकारियों से की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी मेरे द्वारा चुनाव आयोग को बोट बनाने हेतु फॉर्म जमा कराने में भारतीय जनता पार्टी के कुछ पदाधिकारियों द्वारा नियमों को तोड़कर फॉर्म एकत्रित करके जिलो में फॉर्म जमा करने की शिकायत चुनाव आयोग को की गई थी। इस पर संज्ञान में लेकर चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भी किए थे परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी प्रकार मतदाता सूची में तमाम प्रकार की गड़बडिय़ां जैसे पिता का नाम गलत हो ना जिले का नाम गलत होना दूसरे ब्लॉक में मत का पढऩा आदि थे। जिनकी भी सूचना साक्ष्यों के आधार पर चुनाव आयोग को दी गई उन्होंने संज्ञान लेते हुए उन्हें ठीक करने हेतु सभी जिलों को निर्देशित किया परंतु उसे भी ठीक नहीं किया गया। उनका आरोप है कि कही न कही निर्वाचन आयोग सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने छदम रूप से उनके नाम से उतारे गए प्रत्याशी के नामांकन पत्र की ऋुटि के आधार पर निरस्त करने की मांग निर्वाचन आयोग से की है।

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