हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर सभी याचिकाएं (petitions)की खारिज

बेंगलुरु. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब विवाद पर बड़ा फैसला देते हुए छात्राओं की ओर से दायर की गईं सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. छात्राओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाएं (petitions) दायर की थीं. कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जे एम खाजी की पीठ ने आदेश पढ़ते हुए कहा, ‘हमारी राय है कि मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.’
एक जनवरी, 2021 को कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज की 6 छात्राएं कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुई थीं और उन्होंने हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश करने से रोकने पर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध व्यक्त किया था. कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने का मुद्दा तब एक बड़ा विवाद बन गया था, जब कुछ हिंदू छात्र भगवा शॉल पहनकर आने लगे थे. इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था. वहीं मंगलवार को सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश में 3 सवाल और उनके जवाब का भी जिक्र किया.
सवाल 1- क्या हिजाब पहनना इस्लाम की धार्मिक प्रथा का हिस्सा है?
जवाब- कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि हमारी राय है कि मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.
सवाल 2- क्या स्कूल यूनिफॉर्म पहनने के लिए कहना अधिकारों का उल्लंघन है?
जवाब- स्कूल यूनिफॉर्म पहनने का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं.
सवाल 3- क्या 5 फरवरी को जारी राज्य सरकार का आदेश शांति को भंग कर सकता है. क्या इससे स्कूल और कॉलेज में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है?
जवाब- सरकार के पास पांच फरवरी, 2022 के सरकारी आदेश को जारी करने का अधिकार है और इसे अवैध ठहराने का कोई मामला नहीं बनता है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कॉलेज, उसके प्रिंसिपल और एक शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू करने का अनुरोध करने वाली याचिका भी खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा, ‘उपरोक्त परिस्थितियों में ये सभी रिट याचिकाएं खारिज की जाती हैं. रिट याचिका खारिज करने के मद्देनजर सभी लंबित याचिकाएं महत्वहीन हो जाती हैं और इसके अनुसार इनका निस्तारण किया जाता है.’