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हरजिंदर सिंह धामी एसजीपीसी के नए अध्यक्ष बने

चंडीगढ़. हरजिंदर सिंह धामी को सिखों के सर्वोच्च धार्मिक निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का नया अध्यक्ष चुना गया है. धामी एसजीपीसी के 44वें अध्यक्ष बने हैं और उन्होंने बीबी जागीर कौर की जगह ली है. बीबी जागीर कौर को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कपूरथला जिले की भुल्थ विधानसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार बनाया गया है.

बादल परिवार के वफादार धामी होशियारपुर जिले के शाम चौरासी खंड से एसजीपीसी के सदस्य हैं. एसजीपीसी की आम सभा की बैठक के दौरान एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भितेवाड़ ने धामी के नाम का प्रस्ताव रखा और भगवंत सिंह सियालका और रविंदर सिंह खालसा ने इसका समर्थन किया. उनके नाम का प्रस्ताव आने के बाद विपक्षी खेमे के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई और गुप्त मतदान कराने की मांग की. अमरीक सिंह शाहपुर के नेतृत्व में उन्होंने एसजीपीसी प्रमुख पद के लिए मिठू सिंह कानेके के नाम का प्रस्ताव रखा.

जिसके बाद धामी को 122 वोट मिले जबकि मिठू सिंह को 19 वोट मिले. सदन में 143 सदस्य उपस्थित थे, जिनमें शिरोमणि अकाली दल के प्रति निष्ठा रखने वाले सदस्यों को बहुमत प्राप्त है. एक मत अस्वीकार कर दिया गया और एक सदस्य ने मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. चुने गए अन्य पदाधिकारियों में रघुजीत सिंह विर्क (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), सुरिंदर सिंह (जूनियर उपाध्यक्ष) और करनैल सिंह पंजोली (महासचिव) शामिल हैं. पंजोली को उनके प्रतिद्वंद्वी गुरप्रीत सिंह के 21 के मुकाबले 112 वोट मिले.

सदन ने 11 सदस्यीय कार्यकारी समिति भी चुनी है. सदस्यों में सुरजीत सिंह कांग, सरवन सिंह कुलार, सुरजीत सिंह गढ़ी, जरनैल सिंह डोगरनवाला, बलविंदर सिंह वैन पुइन, हरजाप सिंह सुल्तानविंड, गुरिंदरपाल सिंह गोरा, अमरजीत सिंह बंडाला, बीबी गुरप्रीत कौर, जोध सिंह सामरा और बाबा गुरप्रीत सिंह शामिल हैं.

सत्र के दौरान हरमंदर साहिब के प्रधान ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मसकीन सहित अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं.

एसजीपीसी अध्यक्ष चुने जाने के बाद धामी ने कहा कि वर्तमान में चल रहे धर्म प्रचार अभियान में तेजी लाने के अलावा समय की मांग के अनुरूप स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं को भी नई दिशा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा अशांति के कारण, आम सभा में लाए गए कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पढ़ा नहीं जा सका. यह सिख समुदाय का सर्वोच्च सदन है और यहां उठाई गई मांगों का बहुत महत्व है, लेकिन जब कुछ राजनीतिक हित यहां वातावरण बनाने की अनुमति नहीं देते हैं, जो यह पूरे समुदाय को नुकसान पहुंचाता है.

हरजिंदर सिंह धामी 1996 से एसजीपीसी के सदस्य हैं. उन्होंने एसजीपीसी महासचिव के रूप में भी काम किया हैं. पिछले साल धामी को महासभा ने एसजीपीसी का मुख्य सचिव नियुक्त किया था. 1956 में जन्मे धामी के पास बीए, एलएलबी की डिग्री हैं. पिछले 40 साल से वह कानूनी पेशे से जुड़े हुए हैं और स्वेच्छा से सिखों के मुकदमे लड़ रहे हैं.

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