स्पाइसजेट और पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन के बीच जाने क्या है विवाद

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन से कहा है कि वह कंपनी के साथ शेयर हस्तांतरण संबंधी एक विवाद खत्म करने के लिए उसकी सुलह पेशकश पर विचार करें। इस सुनवाई के बाद कंपनी ने कहा कि उसने पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन और उनकी केएएल एयरवेज के साथ शेयर हस्तांतरण समेत सभी मामलों पर अंतिम सुलह के लिए 600 करोड़ रुपये नकद भुगतान की पेशकश की है। कंपनी ने बताया कि इस मामले पर विवाद निपटान फैसले के तहत उसे 578 करोड़ रुपये के भुगतान का आदेश दिया गया था।
स्पाइसजेट की सुलह पेशकश पर विचार करें कलानिधि मारन: सुप्रीम कोर्ट
उसमें से कंपनी 308 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। इसके अलावा उसने बैंक गारंटी के रूप में 270 करोड़ रुपये जमा किए हैं। कंपनी ने कहा कि स्पाइसजेट अतिरिक्त 22 करोड़ रुपये देने को तैयार है, जिससे यह पूरी रकम 600 करोड़ रुपये हो जाएगी। मारन और उनकी फर्म, केएएल एयरवेज ने शीर्ष अदालत से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से रोक हटाने का आग्रह किया था, जिसमें कम लागत वाली एयरलाइन को विवाद में 579 करोड़ रुपये की राशि पर ब्याज के रूप में 243 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया था।
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नवंबर 2020 में, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने करंजावाला के अधिवक्ताओं के साथ शीर्ष अदालत में केएएल एयरवेज का प्रतिनिधित्व किया। मारन ने स्पाइसजेट से तय की गई राशि – रिफंड की गई राशि और ब्याज को सुरक्षित करने के लिए स्थगन हटाने की मांग की थी। सिंह ने पीठ के समक्ष दलील दी कि उच्च न्यायालय ने एयरलाइन को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा है और जिसके खिलाफ स्पाइसजेट ने बैंक गारंटी के रूप में केवल 270 करोड़ रुपये जमा किए हैं। अब स्पाइसजेट के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा एक अन्य मामले में एक समापन आदेश पारित किया गया है।