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सुरक्षा बलों की गोली से 11 आम लोगों की मौत, तनाव

कोहिमा. उत्‍तर पूर्वी राज्‍य नागालैंड में रविवार को उस घटना के बाद तनाव बढ़ गया, जिसमें कथित तौर पर सुरक्षा बलों की गोली से कुछ आम लोगों की मौत हुई है. यह घटना मोन जिले के तिरू गांव में तब हुई जब सुरक्षा बलों ने इन लोगों को कथित तौर पर एनएससीएन का संदिग्‍ध उग्रवादी समझा. घटना में कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद जिले में तनाव की स्थिति बन गई है. वहीं मुख्‍यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील भी की है.

गोलीबारी की इस घटना के बाद स्‍थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए और प्रदर्शन करने लगे. उनका कहना है कि ये युवा निर्दोष थे. वे पास की कोयला खदान से घर वापस आ रहे थे. इस घटना की निंदा करते हुए मुख्‍यमंत्री नेफियू रियो ने एसआईटी जांच की बात कही है. जानकारी के अनुसार घटना से नाराज लोगों ने सुरक्षा बलों के कुछ वाहनों में आग लगा दी. इस दौरान सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कुछ और लोगों को गोली लगने की बात सामने आ रही है.
घटना की पुष्टि करते हुए नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने कहा, ‘मोन जिले के ओटिंग में नागरिकों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद निंदनीय है. शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. इस मामले में उच्च स्तरीय एसआईटी जांच करेगी और कानून के अनुसार न्याय दिलाएगी. सभी वर्गों से शांति की अपील.’

वहीं घटना के बाद असम राइफल्‍स की ओर से भी आधिकारिक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि नागालैंड के मोन जिले के तिरू गांव में उग्रवादियों की आवाजाही का विश्‍वसनीय तौर पर खुफिया इनपुट मिला था. इसके आधार पर खास ऑपरेशन चलाए जाने की योजना तय हुई थी. बयान में यह भी कहा गया है कि मौत के मामले की जांच उच्‍च स्‍तर पर कोर्ट ऑफ इंक्‍वायरी के जरिये होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

असम राइफल्‍स ने कहा है कि उग्रवादियों के खिलाफ इस अभियान के दौरान हुई घटना में सुरक्षाबल के कई जवान भी घायल हुए हैं. इनमें से एक जवान शहीद भी हुआ है. यह घटना और उसके बाद का घटनाक्रम दुखदायी है.

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