सीएम अखिलेश यादव नाखुश डीएम किंजल वाले मामले से….!!!
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुधवा नेशनल पार्क में डीएम के प्रवेश को लेकर चल रहे विवाद के मामले में प्रमुख सचिव (वन) संजीव सरन को जरूरी निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इस विवाद के समय रहते निपटारा न होने पर भी नाराजगी जताई। अलबत्ता, मंगलवार को दुधवा नेशनल पार्क में कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन के चलते पर्यटकों को असुविधा हुई।
दुधवा नेशनल पार्क के स्टाफ का आरोप है कि लखीमपुर की डीएम किंजल सिंह वक्त-बेवक्त रात में पार्क में आती हैं। पार्क के उस हिस्से में भी जाती हैं, जहां बाघिन अपने बच्चों के साथ होती है। इतना ही नहीं रात में गेस्ट हाउस के लिए स्टाफ पर बेजा दबाव भी बनाती हैं।
इस मामले में फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट एसोसिएशन ने शिकायती पत्र मुख्यमंत्री को भी भेजा था। उसके बाद सोमवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डीएम किंजल सिंह और पार्क के उप निदेशक पीपी सिंह को बुलाकर मामला समझा।
दोनों को मिल-जुलकर काम करने के निर्देश दिए। लेकिन, पार्क में स्टाफ विरोध-प्रदर्शन के स्थिति उसके बाद भी नहीं सुधरी। सूत्रों का कहना है कि पार्क में पर्यटकों को हो रही असुविधा को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काफी गंभीर हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव(वन) संजीव सरन को निर्देश दिए हैं कि इस मामले का जल्द निपटारा हो जाना चाहिए। दुधवा नेशनल पार्क में मंगलवार को भी ताला लटका रहा। सोमवार को लखनऊ में चीफ सेक्रेटरी (सीएस) आलोक रंजन के डीएम किंजल सिंह और पार्क के उपनिदेशक पीपी सिंह को मिलकर काम करने के निर्देश का भी अधिकारियों और कर्मचारियों पर असर नहीं पड़ा।
नतीजतन यहां आने वाले पर्यटक भी निराश हो रहे हैं। कइयों ने तो बहुत पहले से पार्क में बुकिंग करा रखी थी, उन्हें भी परेशानी उठानी पड़ रही है। उधर फेडरेशन के पदाधिकारियों ने प्रशासन द्वारा शांति भंग की कार्रवाई का आरोप लगाया, जबकि एसडीएम पलिया पीके सिंह ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया।
मंगलवार को दुधवा की सभी रेंजों के अधिकारी, कर्मचारी पलिया मुख्यालय पर एकत्र हुए और विरोध जताते हुए डीएम पर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सभा में भी फेडरेशन के उपाध्यक्ष रामकुमार समेत कई वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन नए षड्यंत्र रचकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि मामले में न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई है। निर्णय से वे सहमत नहीं हैं।