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समाज का अभिन्न अंग हैं वरिष्ठ नागरिक: कुलपति शास्त्री

मानव अधिकार संरक्षण समिति ने किया वरिष्ठ नागरिकों के लिए वेबीनार का आयोजन

हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति हरिद्वार के तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वेबीनार का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि वैदिक जीवन के चार आश्रम व्यक्ति के कर्म और धर्म पर आधारित थे। एक भारतीय का औसत जीवन 100 वर्ष माना जाता था। प्रत्येक चरण या आश्रम का लक्ष्य उन आदर्शों को पूरा करना था जिन पर ये चरण विभाजित थे। आश्रम जीवन के चरणों का अर्थ है कि व्यक्ति अपनी आयु के आधार पर जीवन के सभी चार चरणों में आश्रय लेता है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को समाज का अभिन्न अंग बताते हुए युवा पीढ़ी को उनका सम्मान करने को प्रेरित किया। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने कहाकि भारत में बुजुर्गों को भगवान का रूप माना जाता है। इतिहास में अनेक ऐसे उदाहरण हैं कि माता-पिता की आज्ञा से भगवान श्री राम जैसे अवतारी पुरुषों ने राजपाट त्याग कर जंगलों में जीवन बिताया। उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में सीनियर सिटिजन मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। विशिष्ट अतिथि स्टेट हेड हेल्पज इंडिया देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक चेतन उपाध्याय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए अब न्यायालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डॉक्टर सपना बंसल, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली ने संचालन करते हुये कहा कि यह सच्चाई है कि एक पेड़ जितना ज्यादा बड़ा होता है, वह उतना ही अधिक झुका हुआ होता है। यही बात समाज के उस वर्ग के साथ भी लागू होती है, जिसे आज की तथाकथित युवा तथा उच्च शिक्षा प्राप्त पीढ़ी बूढ़ा कह कर वृद्धाश्रम में छोड़ देती है। उन्होंने कहाकि सब जानते हैं कि आज हर इंसान समाज में खुद को बड़ा दिखाना चाहता है। दिखावे की आड़ में बुजुर्ग लोग उसे अपनी शान-शौकत एवं सुंदरता पर एक काला दाग दिखते हैं। वृद्ध जीवन को पश्चाताप का पर्याय न बनने दें। वेबिनार में चैतन्य उपाध्याय, कमला जोशी, अन्नपूर्णा, रेखा नेगी, विमल गर्ग, प्रो. एलपी पुरोहित, डॉ. श्वेतांक आर्य, हेमंत सिंह नेगी इत्यादि उपस्थित रहे।

 

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