शाहजहांपुर केस: अदालत ने चिन्मयानंद और छात्रा की जमानत याचिका की खारिज
शाहजहांपुर चिन्मयानंद केस मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में जिला अदालत ने भाजपा नेता चिन्मयानंद और छात्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
एलएलएम की छात्रा से दुष्कर्म मामले में जेल भेजे गए चिन्मयानंद और फिरौती मामले में आरोपी छात्रा के जमानत प्रार्थना पत्र सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दिए। सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामबाबू शर्मा के कोर्ट में छात्रा की जमानत अर्जी पर बहस शुरू हुई। छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने तमाम दलीलें रखीं।
अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अनुज कुमार सिंह ने भी अपनी दलीलें दीं। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया। इसके बाद 12:45 बजे चिन्मयानंद के जमानत प्रार्थन पत्र पर बहस शुरू हुई। इस मामले में भी दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय को सुरक्षित रख लिया।
शाम को कोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी खारिज करने का निर्णय सुना दिया। कोर्ट में बहस के दौरान एसआईटी के सदस्य भी मौजूद रहे। उधर, स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि इस मामले में अब वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
…और इस तरह से दी गई दलीज
छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया कि दोनों पक्षों की बहस सुनी गई। उन्होंने बताया कि 376 सी वाले मुकदमे में सरकारी अधिवक्ता अनुज सिंह द्वारा बल प्रयोग का नया तथ्य सामने लाया गया। बताया कि मालिश के समय बल प्रयोग किया जाता था। बल प्रयोग में 376 सी नहीं लगती है।
अनूप त्रिवेदी ने पीड़िता की ओर से दलील दी कि 26 सितंबर को दोनों अपराधों के आरोपी जेल में थे। वीडियो में काट-छांट की गई। कुछ हिस्सा पहले डाला गया और कुछ बाद में डाला गया।
शासकीय अधिवक्ता अनुज सिंह ने बहस के दौरान चिन्मयानंद पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्रा को रोके जाने की दलील रखी तो वहीं इस बात की दलील को भी रखा कि घटना से आठ माह पहले ब्लैकमैलिंग वाले केस में भी तैयारी की जा रही थी।