वाराणसी में गंगा नदी के बाढ़ प्रभावितों के लिए बने राहत शिविर का हाल- 4 कमरे में 73
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से अब तक 30 हजार 921 लोग प्रभावित हुए हैं. अब तक 2848 बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. लेकिन कोरोना के इस महामारी में जिला प्रशासन की व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं. जबकि सरकार ने सारी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से करने के निर्देश दिए हैं.
ये है वाराणसी के नगवा क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय की तस्वीरें. यहां सरकारी आकड़ों के अनुसार 73 लोगों ने शरण ली है. सरकार द्वारा यहां राहत सामग्री, चिकित्सीय चिकित्सीय व्यवस्था दुरुस्त रखी गयी है. लेकिन खास बात ये है कि इस विद्यालय में सिर्फ चार कमरे ही हैं और यहां 73 लोगों को रखा गया है.
तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि किस तरह से यहां अलग-अलग परिवारों के लोग एक ही कमरे में इस महामारी के दौर में दोहरी आपत्ति से लड़ रहे हैं. स्थानीय पार्षद डॉ रविन्द्र कुमार सिंह बताते हैं कि यहां चार कमरे हैं और 12 परिवार हैं, जिनके सदस्यों की संख्या करीब 70 है. कोरोना के कारण संख्या सीमित कर दी गयी है वरना ये संख्या और बढ़ाई जाती. पार्षद ने कहा कि मेयर से अन्य स्थान के बारे में बोला गया है कि उसकी व्यवस्था कर दी जाए.
वाराणसी में अब तक 21 चौकियां बनाई गई हैं, जिनमें से ये एक है. दोनों समय का भोजन खिचड़ी के रूप में यहां दिया जाता है. यहां रहने वाली महिलाओं ने बताया कि रहने का ठिकाना तो मिल गया लेकिन व्यवस्थाएं ठीक नही हैं. जिससे उन्हें खासी दिक्कत उठानी पड़ रही है.
सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है. स्थानीय प्रशासन में भी उसका असर दिख रहा है लेकिन राहत शिविरों में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही सरकार की किरकिरी में कोई कमी नहीं कर रही है. इस संबंध में डीएम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो कॉल रिसीव नहीं हुई.
बहरहाल जिस तरह से गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है, उससे तो अभी तक यही लग रहा है कि 2013 का रिकार्ड टूट सकता है. अगर ऐसा होता है तो आम जन मानस को और मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
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