वाराणसी-दिल्ली बुलेट ट्रेन के लिए अंडरग्राउंड स्टेशन
लखनऊ. पर्यटन के लिहाज से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में हाई स्पीड रेल की सुविधा देने की योजना पर जोरशोर से काम चल रहा है. इसके तहत सबसे पहले दिल्ली-वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की प्लानिंग है. इसके लिए सर्वे के अलावा रूट फिजिबिलिटी टेस्ट का काम भी लगभग पूरा हो गया है. अब दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन के ठहराव को लेकर स्टेशन बनाने की योजना पर काम चल रहा है. बताया जा रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन रूट पर इलेवेटेड ट्रैक भी हो सकते हैं. इसके अलावा कुछ जगहों पर अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने की भी प्लानिंग है. बता दें कि बुलेट ट्रेन के लिए अलग से पटरियां बिछाई जाएंगी और इसके लिए अलग से खास स्टेशन भी बनाए जाएंगे. मालूम हो कि वाराणसी के अलावा अयोध्या और आगरा को भी हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन रूट पर सुरक्षा के लिहाज से कुछ जगहों पर इलेवेटेड रेलवे ट्रैक होंगे तो कुछ जगहों से हाई स्पीड ट्रेन भूमिगत गुजरेगी. इसके तहत नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे. बता दें कि एयरपोर्ट के शुरू होने पर यहां लोगों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है, ऐसे में जेवर के पास बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशन बनाने की प्लानिंग है. बताया जा रहा है कि दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन के लिए कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. ये स्टेशन ऐसी जगहों पर बनाए जाएंगे, जहां यात्रियों की आवाजाही ज्यादा होती है.
18 फेरे लगाएगी बुलेट ट्रेन
दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने के बाद की भी योजना तैयार कर ली गई है. बताया जा रहा है कि बुलेट ट्रेन एक दिन में दिल्ली से वाराणसी के बीच 18 फेरे लगाएगी. इसके अलावा दिल्ली से आगरा के बीच 63, दिल्ली से लखनऊ के बीच 43 और दिल्ली से अयोध्या के बीच 11 फेरे लगाएगी.
₹2 लाख करोड़ से ज्यादा की लागत का अनुमान
वाराणसी- दिल्ली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 2.3 लाख करोड़ रुपये होगी. इसके जरिये उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्थानों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. बुलेट ट्रेन का रूट मैप इस तरह से तैयार किया गया है कि इसके तहत प्रमुख तीर्थस्थल आ जाएं.