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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया को तेज गेंद वाजी नहीं खतरा

नई दिल्ली. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड से भिड़ने वाली है. मुकाबला साउथैंप्टन में होने वाला है जहां की पिच पर टीम इंडिया को तेज गेंदबाजों से खतरा बताया जा रहा है. इंग्लैंड के हालात, पिच और मौसम न्यूजीलैंड की टीम के ज्यादा मुफीद हैं क्योंकि घरेलू मैदान पर भी उसे ऐसी ही परिस्थिति में खेलने की आदत है. वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया स्पिन फ्रेंडली विकेट पर खेलती है और अकसर उसके बल्लेबाजों को स्विंग के आगे परेशान होते देखा गया है. साउथैंप्टन में भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किल चुनौती करेंगे.

न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, नील वैगनर और टिम साउदी जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं. साथ ही काइल जेमिसन के तौर पर 6 फीट 8 इंच लंबा तेज गेंदबाज भी कीवी टीम को और मजबूत बनाता है. जाहिर तौर पर तेज गेंदबाजों की ये चौकड़ी टीम इंडिया के लिए खतरा है लेकिन आपको बता दें भारतीय टीम को साउथैंप्टन में तेज गेंदबाजों से नहीं बल्कि स्पिनर से खतरा है. टीम इंडिया का साउथैंप्टन में रिकॉर्ड तो कुछ इस ओर ही इशारा करता है.

साउथैंप्टन के मैदान पर टीम इंडिया ने अबतक महज 2 टेस्ट खेले हैं और दोनों में उसे हार मिली है. भारतीय टीम की इस हार के पीछे जो सबसे बड़ी बात ये है कि दोनों ही मैचों में उसे तेज गेंदबाजों से ज्यादा स्पिनरों ने तंग किया है. इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम साउथैंप्टन में साल 2014 और 2018 में खेली थी. एक मैच को टीम इंडिया 266 रनों से हारी और दूसरा मैच विराट एंड कंपनी ने 60 रनों से गंवाया. साल 2014 में मिली हार में टीम इंडिया को मोइन अली ने गजब का नुकसान पहुंचाया. पहली पारी में वो दो विकेट ले गए और दूसरी पारी में उन्होंने 6 विकेट लिये. जिसमें पुजारा और विराट के विकेट भी शामिल थे.
साल 2018 में मोइन अली एक बार फिर टीम इंडिया पर भारी पड़े. मोइन अली ने इस मुकाबले में कुल 9 विकेट लिये. वो पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 4 विकेट निकालने में कामयाब रहे. मतलब साउथैंप्टन में भारतीय टीम ने कुल 40 विकेट गंवाए हैं जिसमें से 17 विकेट अकेले मोइन अली ने लिये हैं. ये आंकड़ा काफी बड़ा है और जाहिर तौर पर भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय भी.
न्यूजीलैंड की बात करें तो उसके बाद दो बेहतरीन स्पिन गेंदबाज हैं. एजाज पटेल और मिचेल सैंटनर दोनों ही बाएं हाथ के स्पिनर हैं और वो टीम इंडिया को मुश्किल में डालने का दम तो रखते हैं. वैसे दोनों ही खिलाड़ी ज्यादा अनुभवी नहीं हैं. एजाज पटेल को 8 और सैंटनर को 23 टेस्ट खेलने का अनुभव है. साउथैंप्टन में अगर स्पिनर्स को मदद मिलती है तो ये बात तो टीम इंडिया के लिए भी अच्छी है. क्योंकि उसके पास आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल जैसे वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स हैं. आर अश्विन की फॉर्म तो कमाल की है और अगर उन्हें साउथैंप्टन में जरा भी मदद मिली तो न्यूजीलैंड के लिये दिक्कत हो जाएगी.

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