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लखनऊ में बिना जानकारी के न खरीदें मकान और प्लाट, इन 33 बिल्डरों को नोटिस जारी

इस पर मकान बनाकर लोगों को बेच रहे लेकिन आवास विकास परिषद को प्लॉट का पैसा नहीं दे रहे हैं। अब परिषद इनके खिलाफ आरसी जारी कर वसूली की तैयारी कर रहा है। आवास विकास ने लोगों से अपील भी की है कि वह बिना परिषद की जानकारी के इनकी योजनाओं में मकान प्लॉट न खरीदें।

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने अपनी वृंदावन योजना में बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी डीलरों व बिल्डरों को नीलामी से प्लॉट बेचे हैं। 33 बिल्डर डिफाल्टर हो गए है। यह लंबे समय से आवास विकास में पैसा नहीं जमा कर रहे हैं। जिसकी वजह से आवास विकास का 360.55 करोड़ रुपए फंस गया है। आवास विकास परिषद इन बिल्डरों को कई नोटिस जारी की थी। अब इनके खिलाफ आरसी जारी करने जा रहा है। उप आवास आयुक्त डॉक्टर अनिल कुमार ने कहां कि लोग इन बिल्डरों की योजनाओं में बिना परिषद से जानकारी लिए अब संपत्ति न खरीदें। क्योंकि इससे उन्हें आगे बड़ी दिक्कतें आ सकती हैं। इनमें रहने वाले लोगों से भी भू राजस्व के बकाए की तरह वसूली की जाएगी।

इन बिल्डरों के खिलाफ आवास विकास कर रहा कार्रवाई

बसेरा सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डिजर्व बिल्डर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड, अंबा हाउसिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, रूद्र रियल एस्टेट लिमिटेड, संजर बिल्डर्स एंड कंस्ट्रक्शन, वीएन इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, श्री श्रेय जैन एंड श्री हरि रीयलटेक प्राइवेट लिमिटेड, सूरत इंफ्राटेक, शिवांश इंफ्रास्ट्रक्चर,
राधे कृष्ण टेक्नोबिल्ड, शिव शंकर अग्रवाल, डायरेक्टर मंगलम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स, अजेय गईइ प्राइवेट लिमिटेड, हरविंदर सिंह नरूला, रूद्र रियल एस्टेट लिमिटेड, डायमंड इंफ्रा प्रमोटर्स, मधु अग्रवाल, विद्यासागर, नीना सिंह, अखिल इंपैक्स लिमिटेड, सत्येंद्र कुमार गौतम, साधना चौधरी, पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, कैलाश यादव, अंगराज सिविल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, सुनीता सिंह, अंबा हाउसिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, पंकज कुमार अग्रवाल, प्रतिष्ठा इंफ्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड, राधे श्याम, प्रकाश, विकास वर्मा, तथा सरिता शामिल हैं।

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