रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख ने कहा कई और देशों को ब्रह्मोस……

नई दिल्ली। फिलीपींस से ब्रह्मोस खरीद का सौदा हो चुका है। इस बीच रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डा. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि कई देशों ने भारत की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को खरीदने पर रुचि दिखाई है।
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डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी तकनीक विकसित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने उन्नत तकनीक और प्रणालियों को विकसित करने का लक्ष्य दिया है और इस पर हम लगे हुए हैं। हम निर्यात क्षमता वाली रक्षा प्रणालियों को विकसित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में निर्यात क्षमता वाले अधिक सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं। रेड्डी ने कहा कि एयर मिसाइल आकाश, एस्ट्रा मिसाइल, एंटी टैंक मिसाइल, रडार और तारपीडो को लेने की कई देशों ने इच्छा जाहिर की है। अत्याधुनिक तकनीक से युक्त निर्यात क्षमता वाली और अधिक रक्षा प्रणालियों को विकसित किया जा रहा है।
कई देशों ने भारतीय मिसाइलों को लेकर जताई रुचि
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षो में देश में विकसित प्रौद्योगिकियों के निर्यात में वृद्धि होगी। बता दें कि डीआरडीओ प्रमुख का यह बयान शुक्रवार को फिलीपींस के साथ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एंटी-शिप वैरिएंट की बिक्री के एक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद आया है। 37.49 करोड़ डालर (2,770 करोड़ रुपये) के इस सौदे के साथ ही भारत मिसाइल निर्यातकों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है।
उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम के पहले निर्यात आर्डर को महत्वपूर्ण कदम बताया। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को डीआरडीओ का एक बड़ा उपक्त्रम बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है। रेड्डी ने कहा कि अभी तो यह शुरुआत है और हम आशा करते हैं कि आनेवाले दिनों में इसके निर्यात के और भी आर्डर मिलेंगे।