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मेरठ के ‘अर्जुन’ से गोल्ड मेडल की आस

मेरठ. टोक्यो ओलम्पिक का आगाज़ हो चुका है. दस मीटर एयर पिस्टल शूटिंग के योद्धा सौरभ चौधरी को आज परचम लहराने का मौका मिलेगा. 24 जुलाई को साढ़े दस बजे शूटर सौरभ चौधरी के सिंगल इवेंट शुरू होंगे और एक बजे तक फाइनल परिणाम भी आ जाएंगे. सभी को उम्मीद है कि मेरठ का ये अर्जुन लक्ष्य पर ही निशाना साधेगा और गोल्ड मेडल जीतकर भारत का तिरंगा टोक्यो में शान से लहराएगा. माता- पिता, भाई और समूचा मेरठ इस योद्धा के लिए प्रार्थना कर रहा है. आखिरकार वो घडी़ आ ही गई जिसका सभी को इंतज़ार था.

वहीं, सौरभ के इवेंट को लेकर चारों तरफ से शुभकामनाओं का दौर शुरू हो चुका है. क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि मेरठ का ये अर्जुन जरूर लक्ष्य पर निशाना साधेगा. वो सौरभ को बार- बार शुभकामनाएं देते नज़र आए. मात्र अट्ठारह वर्ष की उम्र में सौरभ ने अर्जुन अवार्ड जैसे सम्मान हासिल किए और अब मात्र 19 साल की उम्र में वो ओलम्पिक के पटल पर भारत का तिरंगा शान से लहराने को बेताब है. सौरभ की मां कहती हैं कि जब भी बेटा मेडल जीतकर आता है वो उनके पैर छूता है और फिर मेडल मां को समर्पित कर देता है. इस बार भी मां को उम्मीद है कि सौरभ ओलम्पिक मेडल जीतेगा और देश का नाम रोशन करेगा.

मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. तेरह वर्ष की आयु में वो कई- कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा कर लिया. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस कामयाबी के बाद सौरभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद आईएसएसएफ की वर्ल्ड चैंपियनशिप सांगवान में हुई थी. यहां भी सौरभ ने दमदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पर कब्जा किया.

जर्मनी में हुए जूनियर वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में सौरभ ने दो बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इसके साथ ही एशियन गेम और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अक्टूबर 2018 में यूथ ओलंपिक चैंपियन भी बन गए थे. 16 साल की आयु में ही सौरभ ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पर निशाना साधा था. सौरभ के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं. सौरभ को दो हजार बीस में अर्जुन अवार्ड से नवाज़ा गया. अब देश की निगाहें मेरठ के इस लाडले पर रहेंगी. समूचे हिन्दुस्तान को यही ख्वाहिश है कि सौरभ ओलम्पिक में पदक जीतकर आएं और भारत का तिरंगा ओलम्पिक में शान से लहराकर सभी को यादगार तोहफा दें.

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