मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदी- कृषि कानून से किसानों को उनके अधिकार मिले
नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं। बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 71वीं बार मन की बात करते हुए यह बातें कहीं। मोदी का यह मन की बात 2.0 का 18वां संस्करण रहा । इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की जनता से रूबरू होते हैं।
कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस कानून में ये प्रावधान किया गया है
प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया है। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं और नए अवसर मिले हैं। मोदी ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। मोदी ने कहा, अब जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।
मोदी ने कहा कि आज के मन की बात की शुरुआत मैं खुशखबरी से करता हूं। हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा, कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है। यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी। इसके लिए मैं कनाडा सरकार और इस काम में लगे सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।
आज के मन की बात की शुरुआत मैं खुशखबरी से करता हूं
मोदी ने कहा कि आज के मन की बात की शुरुआत मैं खुशखबरी से करता हूं। हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है। यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी। उन्होंने कहा कि कल्चर बड़ा काम आता है, ये इससे निपटने में अहम भूमिका निभाता है। कल्चर एक इमोशनल रिचार्ज की तरह काम करता है।
आज देश में कई म्यूजियम और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने पर काम कर रही हैं। अब आप घर बैठे दिल्ली के नेशनल म्यूजियम गैलरी का टूर कर पाएंगे। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ओर सांस्कृतिक धरोहरों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुंचाना अहम है। वहीं इन धरोहरों के संरक्षण के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग भी महत्वपूर्ण है।