भड़के यूपी गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रदेश में गायों के रखरखाव एवं गौआश्रय स्थलों व गौशालाओं के हालात पर उठाए गए सवाल पर उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नन्दन सिंह तीव्र प्रतिक्रिया दी है। बकायदा दो पन्ने का बयान जारी कर गौसेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश की पंजीकृत 546 गौशालाओं व 4500 गौ आश्रय स्थल में लगभग छः लाख गौवंश का भरण-पोषण कर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में गौशालाओं एवं गौ आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर तथा आर्थिक रूप से उन्नत बनाने के लिए गौबर से बनी जैविक खाद, गौबर से बने कंडे गौनाइल, पंचगव्य औषधियां, गौमय दीपक, मूर्तियां, राखी, अगरबत्ती, मच्छररोधी कायल इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब 40000 परिवार लाभान्वित हुए हैं, जिसमें योजना के तहत करीब 70000 गौवंश को सुपुर्द किया गया है।
प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गायों की मौत पर चिंता जाहिर की और कहा कि ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। कांग्रेस महासचिव ने अपने दो पेज के पत्र में कहा कि अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मरी हैं।
प्रियंका गांधी ने लिखा कि दुखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चचार् होती है लेकिन इनकी देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता में आने के समय मुख्यमंत्री जी आपने गौवंश की रक्षा और गौशालाएं बनवाने की बात की थी लेकिन वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में आपकी घोषणाओं के बावजूद सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं। गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। गौशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहाँ गौवंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है।