धर्म - अध्यात्म

भगवान विष्णु ( Lord Vishnu )और शंख के बीच यह है रिश्ता

हिंदू धर्म के अनुसार पूजा पाठ में शंख का प्रयोग करना अति आवश्यक माना गया है। क्योंकि घर में शंखनाद होने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है। हिन्दू धर्म में लगभग सभी देवी-देवताओं ने अपने हाथों में शंख धारण किया है। भगवान विष्णु का तो ये अत्यंत प्रिय है। यही वजह है कि जहां कहीं भी भगवान श्री नारायण ( Lord Vishnu )की पूजा होती है, वहां शंखनाद जरूर ही होता है। पूजा पाठ के समय घर में शंख नाद होने से भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि महालक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसा देती हैं। लेकिन कभी भी शंख बजाते समय यह प्रमुख गलतियां ना करें। जिसके कारण आपको दुष्परिणाम झेलना पड़ सकता है।

शंख का प्रयोग करते समय कभी न करें ये गलतियां
हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार पूजा स्थान में दो प्रकार के होने चाहिए। जिसमें से एक शंख का प्रयोग पूजा करने के लिए तथा दूसरे शंख का प्रयोग बजाने के लिए किया जाना चाहिए। जिस शंख की हम लोग पूजा करते हैं उस शंख को बजाना नहीं चाहिए। क्या उनके बजाते समय शंख जूठा हो जाता है और पूजा स्थल में शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। शंख को बजाने से पहले एक बार गंगाजल से पवित्र कर लें। अगर आपके घर में गंगाजल नहीं है तो आप असामान्य चल का भी प्रयोग कर सकते हैं और उससे शंख को साफ कर सकते हैं। इसके साथ पूजा स्थल में शंख के अंदर पानी भरकर उसे रखना चाहिए। यह सब करने से घर में हमेशा सुख शांति और धन की कमी नहीं रहती है।हिंदू धर्म और उनके पुराणों के अनुसार शंख 14 रत्नों में से एक है। हिंदू धर्म के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान शंख की उत्पत्ति हुई थी और साथ ही यह भी बताया गया है महालक्ष्मी का भाई इस शंख है। जिस कारण यह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को बहुत पसंद है। हिंदू धर्म और उनके पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु का आभूषण शंख को बताया गया है। इसलिए कहा गया है कि पूजा स्थल में शंख को बजाने आप का शंखनाद करने से घर में सुख शांति और धन हमेशा बना रहता है।

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