बेशकीमती पन्ना रत्न की खान! अंतिम दौर में सर्वे का काम

पूर्वी सिंहभूम. नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुडाबांधा प्रखंड में एक बार फिर पन्ना रत्न का सर्वे शुरू किया गया है. यह अंतिम सर्वे माना जा रहा है. संभवत इस सर्वे के बाद पन्ना बेशकीमती पत्थर की लीज की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. पन्ना की खोज जमीन और आकाश दोनों से की जा रही है. सर्वे के लिये फिक्स विंग ड्रोन एरोप्लेन जो करीबन पांच फीट का है, उससे 25 स्कॉयर किलो मीटर तक हवाई सर्वे कर पन्ना के पहाड़ों का सर्वे किया जा रहा है. वहीं जमीन पर भी सर्वे की टीम वैसी जगहों पर जा कर पन्ना की जांच कर रही है जहां पर अवैध खुदाई होती है.
मिली जानकारी के अनुसार गुड़ाबांदा के बारुणमुठी में पन्ना पत्थर को लेकर उद्योग, खान भूतत्व विभाग के विशेष निरीक्षक ज्योति शंकर सत्पती के साथ 9 सदस्यीय टीम सर्वे कर रही है. भारी बारिश में भी छाता लेकर सर्वे टीम काम में जुटी है.
टीम ने कई ऐसी जगहों पर जा कर सैम्पल लिया जहां पर पन्ना की अवैध खुदाई होती रही है. बारूणमुठी पहाड़ के 8-9 जगह से सैंपल लिया गया है. उसे जांच के लिए रांची भेजा जाएगा. टीम यह जानने का प्रयास कर रही है कि पन्ना की क्वालिटी कैसी है तथा इसका भंडार कितना है.
इतना बड़ा फिक्स ड्रोन एरोप्लेन देखकर स्थानीय लोग हैरान हैं. डीजीपीएस विशेषज्ञ राकेश सिंह के अनुसार वैल्यूमैट्रिक सर्वे के साथ-साथ ड्रोन और डीजीपीएस के माध्मयम से अलग-अलग पैमाने पर सर्वे किया जा रहा है.
रडार तकनीक के माध्यम से लेपटॉप के जरिये फिक्स विंग ड्रान एरोप्लेन को कमांड दिया जाता है. यह प्रत्येक एक घंटा के बाद पूरे क्षेत्र का सर्वे करने के बाद वापस लौटती है. शुक्रवार को दिनभर फिक्स विंग ड्रोन एरोप्लेन कैमरा से सर्वे किया गया और शनिवार को भी सर्वे का काम जारी रहेगा.
बता दें कि इससे पूर्व रघुबर दास की सरकार में भी 2017 में सर्वे किया गया था. उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. 2017 से भी पहले 2016 में भी पन्ना को लेकर सर्वे किया गया था, लेकिन लगातार सर्वे के बाद भी अबतक मामला धरातल पर नहीं उतर सका है.
इस बार फिर से बड़े पैमाने पर सर्वे होने पर लोगों में यह भी आस जगी है कि इस बार का सर्वे अंतिम सर्वे है और इसके बाद गुडाबांधा के लोगों को पन्ना पत्थर के लिये सरकार लीज देगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. यहां यह भी बता दें कि फिलहाल अभी भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन जारी है.
628 एकड़ भूमि पर पन्ना का अकूत भंडार फैला हुआ है. इस सर्वे में उद्योग, खान भूतत्व विभाग ब्लॉक का निर्धारण करने के साथ अपनी रिपोर्ट झारखंड सरकार के खनन विभाग को सौंपेगा. रिपोर्ट में इस बात की जानकारी रहेगी कि किस ब्लॉक में कितना पन्ना के ग्रेड का भण्डारण है.
रिपोर्ट के आधार पर इस पन्ना ब्लॉक का सरकार टेंडर निकालेगी. ग्रेड और भंडारण के आधार पर ही बंदोबस्ती की राशि का निर्धारण खनन विभाग करेगा.