बेटी से बलात्कार के प्रयास में पिता को 10 साल की सजा, कोर्ट ने की यह टिप्पणी दिल्ली में
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने 9 साल की बेटी के बलात्कार के प्रयास के मामले में पिता को 10 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने से इनकार करते हुए 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि संरक्षक ने अपनी संतान के साथ जबर्दस्ती करने का प्रयास किया, जिसका असर पीड़िता पर जिंदगीभर रहेगा. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा मैनी ने कहा कि दोषी द्वारा किया गया अपराध इतना जघन्य और गंभीर है कि वह किसी नरमी का हकदार नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा कि बाल शोषण का प्रभाव हमेशा रहता है और इसका कोई इलाज नहीं है. अदालत ने 38 साल के व्यक्ति को बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत दोषी ठहराया. हालांकि, बलात्कार का अपराध साबित नहीं हुआ. अदालत ने दोषी व्यक्ति पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से पांच हजार रुपये पीड़ित के परिवार को उसके पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे.
अदालत ने पीड़ित के लिए 50 हजार रुपये का मुआवजा भी मंजूर किया और कानूनी सलाह प्राधिकरण को यह राशि जारी करने को कहा. लड़की की मां द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, व्यक्ति ने करीब डेढ साल तक अपनी बेटी का बलात्कार किया और उसे धमकाया कि वह इस बारे में किसी को नहीं बताए. दिसंबर 2015 में एक पड़ोसी ने आरोपी को बेटी के बलात्कार का प्रयास करते वक्त पकड़ा और उसे गिरफ्तार कराया.