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बापू के एकता की विचारधारा पर साम्प्रदायिक ताकतों को नजर: अफाक

लखनऊ । राष्ट्रीय सामजिक कार्यकर्ता संगठन के संयोजक मुहम्मद आफाक ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मौलाना आजाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ लोहिया की आत्माओं को आज संप्रदायवादियों से बड़ा सदमा पहुँच रहा होगा। उन्होंने दुनिया के सभी धर्मों को एक नजर से देखा था और उन सभी में भाईचारे का माहौल बनाया था, लेकिन आज सांप्रदायिक ताकतें अपनी जहरीली विचारधारा से एक भाई को दूसरे भाई से अलग करने की कोशिश कर रहा है। अगर किसी ने एकता की विचारधारा के तहत मंदिर नमाज पढ़ लिया तो इसका जवाब इस तरह से नहीं दिया जाना चाहिए कि मंदिर मस्जिद में परिवर्तित होने जा रहा है। इसलिए मस्जिदों में जाएं और भजन करें या पूजा करें या अन्य धर्मों के पूजा स्थलों का मजाक उड़ाएं। उन्होंने मुस्लिम युवाओं की भी कड़ी आलोचना की। मंदिर जाने और प्रार्थना करने की क्या आवश्यकता थी? क्या गांधी अम्बेडकर और मौलाना आजाद के विचारों का प्रचार पर्याप्त नहीं था कि उन्होंने अपने कार्यों से सभी धर्मों के दरवाजों पर खतरे के बादल खड़ा कर दिए? अब जरुरत है कि अगर कुछ युवाओं के इरादे सही थे, तो उन्हें नकारात्मक विचारों से नहीं देखा जाना चाहिए।

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