अंतराष्ट्रीय

बाइडन ने भी दे दिए सेना को आगे बढ़ने के आदेश

कीव/मॉस्को. रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है. यूक्रेन पर रूस के व्यापक हमले की आशंका बढ़ गयी है, क्योंकि एक ओर रूस ने अपने राजनयिकों को यहां से हटाना शुरू कर दिया है, तो दूसरी ओर सांसदों ने पुतिन को सैन्य बल प्रयोग की अनुमति दे दी है. पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिकों और ट्रक आगे बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी सेना आगे बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं.

जो बाइडन ने साफ किया है कि वह नाटो बाल्टिक देशों की मदद के लिए फोर्स भेजने का काम कर रहे हैं. रूस की सेना के 100 से अधिक ट्रकों का काफिला यूक्रेन की सीमा की ओर जाते नजर आया है.

रूस की ओर से यूक्रेन के दो अलगाववादी इलाकों लुहांस्क और डोनेट्स्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के बाद से हालात तेजी से बदले हैं. लोगों को लग रहा है कि यूक्रेन के पास अब NATO की तरफ जाने के अलावा कोई दूसरा व्यवहारिक विकल्प नहीं बचा है.

मंगलवार देर रात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित किया और कहा कि इस संकट में यूक्रेन के सभी राजनीतिक दल एक हैं और उनका रंग पीला और नीला है. जेलेंस्की आज यूक्रेन के शीर्ष 50 कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे और तय करेंगे कि मौजूदा संकट से कैसे निपटा जाए. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कारोबारियों को मुश्किल हालात में टैक्स में छूट देने की घोषणा भी की है, ताकि इस संकट के कारण इकोनॉमी संकट पैदा न हो.

डोनेट्स्क में अफरा-तफरी का माहौल है. वहां से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे वीडियो में रूसी सेना तेजी से कब्जा किए गए इलाकों की तरफ बढ़ती दिख रही है.रूस ने अब स्पष्ट कर दिया है कि वो स्वतंत्र घोषित प्रांतों के उन इलाकों पर भी नियंत्रण करेगा, जो विद्रोहियों के कब्जे में नहीं हैं. अभी रूस समर्थक अलगाववादियों के नियंत्रण में इन प्रांतों का एक तिहाई इलाका ही है. ऐसे में यहां भीषण संघर्ष होने की आशंका पैदा हो गई है. अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाकों और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. अलगाववादी जैमर तकनीक का इस्तेमाल कर रह हैं, जिससे संपर्क कट रहा है.

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