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फेसबुक की अब ये होगी पहचान

नई दिल्ली: रीब्रांड की प्लानिंग के तहत फेसबुक ने कंपनी का नाम बदल दिया है. फेसबुक को अब मेटा के नाम से जाना जाएगा. फेसबुक के फॉर्मर सिविक इंटीग्रिटी चीफ, समिध चक्रवर्ती ने इस नाम का सुझाव दिया था. meta.com वर्तमान में meta.org पर रीडायरेक्ट करता है, जो कि चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के तहत डेवलप एक बायोमेडिकल रिसर्च डिस्कवरी टूल है.

फेसबुक को मेटावर्स कंपनी के तौर पर पेश करने की प्लानिंग के तहत रीब्रांडिंग की जा रही है. फेसबुक अपनी वर्चुअल दुनिया मेटावर्स के लिए इस साल 10 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट करने वाला है. यह फेसबुक का वर्चुअल और ऑगमेंट रियल्टी जैसी तकनीकों का उपयोग करके एक नए वर्चुअल एक्सपीरिएंस का नया चरण होगा. कंपनी अपने फेसबुक रियल्टी लैब्स पर अरबों डॉलर खर्च करेगी, जिसे इस मेटावर्स डिवीजन ने AR और VR हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
फेसबुक ने पिछले महीने सबसे पहले अपने मेटावर्स ( बनाने की अपनी योजना बताई है. मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल, इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है. मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी फिजिकली मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है. इसके लिए वर्चुअल रियल्टी की इस्तेमाल किया जाता है.

फेसबुक ने इस महीने की शुरुआत में सोशल नेटवर्क को मेटावर्स बनाने में मदद करने के लिए 10,000 लोगों को काम पर रखने की घोषणा की. इस नए मेटावर्स में फेसबुक वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियल्टी का इस्तेमाल करके एक नया वर्चुअल एक्सपीरिएंस का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है.

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