पोस्टमैन जो गिटार बजाकर मचा रहा तहलका
कोरोना महामारी के दौर में कई हिम्मत बढ़ाने वाली खबरें भी आ रही हैं. ऐसी ही एक खबर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से है. वहां जेरार्ड लिओ एंथनी (Gerard Leo Anthony) नाम का एक शख्स गिटार बजाकर लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है. प्यार से लिओ के नाम से जाने जाते इस गिटारिस्ट की खासियत उसका गिटार बजाना ही नहीं, बल्कि ये बात है कि वे पेशे से पोस्टमैन है, वो भी एक-दो साल नहीं, बल्कि 27 सालों से.
उत्तरी बेंगलुरु के पोस्ट ऑफिस में काम कर रहे इस उम्रदराज शख्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लोकप्रियता मिली. इससे पहले वे शौक तो रखते थे लेकिन उस बारे में कोई जानता नहीं था. अब लिओ के वीडिया एक शॉर्टवीडियो फायरवर्क के प्लेटफॉर्म पर खूब देखे जा रहे हैं. उनके वीडियो की एक बात उन्हें दूसरे म्यूजिशियन्स से अलग बनाती है कि वे गिटार बजाते हुए कहीं न कहीं पोस्टमैन की तरह अपने काम के अनुभव भी बताते हैं.
लिओ को गिटार बजाने और गाने का शौक
लिओ को गिटार बजाने और गाने का शौक किशोरावस्था से ही था. पहले वे शहर के अलग-अलग पबों और रेस्त्रां में जाकर शाम को गिटार बजाकर लोगों को मनोरंजन करते थे. इससे पॉकेट मनी तो मिलती ही थी, साथ ही लिओ का शौक भी पूरा हो जाता था. साथ ही वे स्कूल और चर्च में भी नियमित तौर पर गिटार बजाते. हालांकि वे संगीतकार बनने की बजाए पोस्ट ऑफिस पहुंच गए. इस बारे में 56 साल के लिओ कहते हैं कि ये विरासत में मिले काम की तरह है. उनके पिता पोस्ट ऑफिस कर्मचारी थे और साल 1995 में भी वे भी इसी पेशे में आ गए.
पोस्टल विभाग में आने के बाद भी लिओ का शौक खत्म नहीं हुआ, बल्कि वक्त के साथ वो बढ़ता ही चला गया. सुबह से शाम तक शहर के कोने-कोने में पार्सल, चिट्ठियां बांटने निकले लिओ को रोज लंबी दूरी तय करनी होती थी. इस दौरान उनके पास खाली वक्त नहीं रहता था, जिसमें वे गिटार बजा सकें. ऐसे में लिओ ने एक अनूठा तरीका खोज निकाला. वे काम के दौरान ही गिटार की कोई धुन सोचते और देर शाम घर लौटने के बाद प्रैक्टिस करते.
लिओ का पेशा
लिओ, भले ही उनका पेशा, उनके पैशन से पूरी तरह से अलग था, लेकिन वे पैशन से अलग नहीं हो सके. वे काम पर होते हुए भी गिटार बजाते और शाम होने का इंतजार करते, जब वे गिटार पकड़ सकें. लिओ का यही पैशन आज उन्हें एक अलग पहचान दे रहा है. वे ज्यूकबॉक्स 300 नाम के एक बैंड में मुख्य गायक और गिटारिस्ट हैं. संगीत के दीवाने चार दोस्तों के साथ मिलकर बना ये बैंड शहर के एक कोने से दूसरे कोने नापता है और क्लब, पार्टियों में परफॉर्म करता है. ये सारे काम लिओ पोस्ट ऑफिस से बचे अपने समय में करते हैं. इस काम को करते उन्हें दशकभर से ज्यादा हुआ. बड़ी-बड़ी पार्टियों में गिटार और आवाज से लोगों को मुग्ध करते लिओ को बहुतेरे लोग पहचानने लगे हैं. वे उनके पास आकर सवाल करते हैं कि क्या वे वही पोस्टमैन हैं, जिन्हें उन्होंने स्ट्रीट में या अपने पड़ोस में फलां रोज देखा था. कुछ ही सालों में वे पोस्टमैन के पेशे से रिटायर हो जाएंगे. इसके बाद आराम करने की बजाए लिओ का इरादा सारा समय अपने शौक को देने का है. वे अंग्रेजी और कन्नड़ में गाने लिखकर उसे कंपोज करना चाहते हैं. साथ ही वे कन्नड़ फिल्म प्रोजेक्ट से भी जुड़े हुए हैं, जहां वे फिल्म में गिटार के इस्तेमाल पर बात करते हैं.