पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में एसपीजी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर
नई दिल्ली। पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के पास अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत अपने कार्यों के निर्वहन के उद्देश्य से पूरी शक्ति देने की मांग की गई है।
जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला पहला से ही सुप्रीम कोर्ट के पास है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोग का गठन किया जा चुका है।
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर, एसपीजी को शक्ति देने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को 30 अप्रैल 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है। याचिका में आगे गृह मंत्रालय को एसपीजी अधिनियम, 1988 के प्रावधानों में उचित संशोधन लाने का निर्देश देने की मांग की है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा हर समय सख्त हो।
याचिका में कहा गया है कि एसपीजी आज की तारीख में केवल अधिकारियों से सहायता मांग सकता है, उसके पास संचालन की कोई शक्ति नहीं है। याचिका में कहा गया कि हाल ही में पीएम की सुरक्षा में हुई चूक या उल्लंघन के मद्देनजर प्रधानमंत्री की
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सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक है। पंजाब पुलिस की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है। याचिकाकर्ता आशीष कुमार ने वकील गोविंदा रमण के जरिए ये याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया कि प्रधानमंत्री की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्राधिकरण चाहे वह राज्य, केंद्र या स्थानीय हो, एसपीजी अधिनियम, 1988 की धारा 14 के अनुसार निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए।
निदेशक या विशेष सुरक्षा समूह का कोई सदस्य, जब भी एसपीजी अधिनियम, 1988 के अनुसार अपने कर्तव्यों या कार्यों का निर्वहन करते हुए प्रधान मंत्री और उनके तत्काल परिवार के सदस्यों की निकट सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश या आह्वान किया जाता है।