पिगमेंटेशन की समस्या से परेशान !!

अक्सर आपने कई लोगों को पिगमेंटेशन की समस्या से परेशान देखा और सुना होगा। चिंता की बात यह है कि पिगमेंटेशन सिर्फ शरीर के खुले हुए हिस्से जैसे चेहरे पर ही नहीं बल्कि कवर पार्ट पीठ और बाजुओं पर भी हो सकता है।
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लोगों को अक्सर लगता है कि पिगमेंटेशन की समस्या सिर्फ सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से होती है। लेकिन ऐसा नहीं है, हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या कई बार जाने अनजाने की गई गलतियों का भी नतीजा हो सकती है। आइए जानते हैं किन गलतियों की वजह से आप हो सकते हैं हाइपर पिगमेंटेशन के शिकार और क्या हैं इसे ठीक करने के उपाय।
हाइपर पिगमेंटेशन के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं ये गलतियां-
-कई महिलाएं महाते समय शरीर पर लूफा स्क्रब करती हैं, उन्हें लगता है कि इसका इस्तेमाल करने से उनके शरीर पर लगे मैल निकल जाएगी। लेकिन क्या आप जानते हैं इसका इस्तेमाल करने से त्वचा में इरिटेशन की समस्या शुरू हो सकती है और यह हाइपरपिगमेंटेशन की वजह बन जाता है। पीठ पर अक्सर इस तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं।
-पीठ पर काले-धब्बे होने की वजह से महिलाएं कई बार अपनी पसंद के बैकलेस ब्लाउज या ड्रेस पहनने से परहेज करती हैं। पीठ के अलावा हाइपरपिगमेंटेशन कंधों और आर्म्स पर भी देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो व्यक्ति जब अधिक तनाव में होता है तो यह खुजली का भी कारण बन जाता है।
एक्सपर्ट के अनुसार, यह समस्या प्रोटीन, जिसे अमाइलॉइड के नाम से भी जाना जाता है, उसके जमाव के कारण पैदा होती है। डर्मेटोलॉजिस्ट अक्सर इस समस्या के पीछे ये मुख्य कारण बताते हैं।
हाइपरपिगमेंटेशन होने के मुख्य कारण
-लूफा या फिर अन्य चीज से त्वचा को स्क्रब करने से उस पर लगातार घर्षण होने से इरिटेशन होने लगती है।
-कई बार यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है।
-यूवी किरणों के लगातार संपर्क में रहना।
नहाते समय ध्यान रखें ये बातें-
-नहाते समय अपनी त्वचा पर कोई भी ऐसी चीज अप्लाई ना करें, जिससे स्किन में इरिटेशन होने की संभावना बनी रहती है।
-बार-बार लूफा , प्यूमिक स्टोन या फिर ब्रश से स्क्रब करने से बचें। त्वचा को बार-बार रगड़ने से पिगमेंटेशन की समस्या शुरू हो सकती है।
-हाइपरपिगमेंटेशन से बचने के लिए सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
-अगर आप ऑफ शोल्डर या फिर डीप नेक वाली कोई ड्रेस कैरी कर रही हैं तो इन खाली जगहों पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करें, ताकि सन एक्सपोजर से बचा जा सके।
-ड्राई स्किन से बचने के लिए रोजाना दो बार मॉइश्चराइजर अप्लाई करें।
-एक्सपर्ट के अनुसार, टोपिकल कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स, टैक्रोलिमस या फिर पिमेक्रोलिमस आदि ट्रीटमेंट लिए जा सकते हैं।
-TCA, रेटिनॉल, फेनोल पील्स से भी पिगमेंटेशन को कम किया जा सकता है।
– कई ऐसे ब्यूटी ट्रीटमेंट हैं, जिसे आप डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेकर करवा सकते हैं।