धर्म - अध्यात्म

पान खाना दशहरे पर मानते हैं शुभ

त्योहारों में सबसे ज्यादा महत्व खान-पान का होता है। दशहरे में कई जगह पान खाना शुभ माना जाता है। भारतीय घरों में पूजा में भी पान का महत्व होता है। वहीं अगर आयुर्वेद की मानें तो पान में कई औषधीय गुण होते हैं।
भारत मे कई ऐसे त्योहार या मौके होते हैं जिनमें पान का खास महत्व है। दशहरा उनमें से एक है। दशहरे में लोग एक-दूसरे को पान खिलाकर गले मिलते हैं। परंपरा के हिसाब से पान खिलाने की कुछ भी वजहें दी जाती हों लेकिन आयुर्वेद और विज्ञान की नजर में पान एक फायदेमंद मेडिशनल हर्ब है।
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। माना जाता है कि पान खिलाने से प्यार बढ़ता है और इसे सम्मान का प्रतीक भी माना जाता है। दशहरे के दिन लोग पकवान और मिठाई के बाद एक-दूसरे को पान खिलाते हैं। कुछ मान्यताओं के मुताबिक, राम की जीत वानर सेना ने पान का पत्ता एक-दूसरे को खिलाकर खुशी मनाई थी। वहीं पान हनुमानजी को भी प्रिय माना जाता है।

बात करें अगर इसके औषधीय गुणों की तो पान के पत्ते में विटामिन सी, कैल्शियम, थियामीन, राइबोफ्लेबिन, कैरोटीन, नियासीन जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते हैं। वहीं आयुर्वेद में भी इसके कई फायदे बताए गए हैं।

पान को माउथफ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आयुर्वेद में माना जाता है कि यह वात और कफ दोष को बैलेंस करता है।

आयुर्वेद के हिसाब से पान पुरुषों का सेक्स स्टैमिना बढ़ाता है। इसे लिबिडो बढ़ाने वाला माना जाता है। यही वजह है कि सुहागरात में पान खिलाने का ट्रडिशन है।
पान आपके डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा माना जाता है। इसीलिए ज्यादातर लोग खाना खाने के बाद पान खाते हैं। पान चबाने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स का सेक्रीशन बढ़ जाता है। माना जाता है कि नवरात्र पर लंबे वक्त के बाद दशहरे पर पान खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।

अगर आपको कब्ज की समस्या है तो रोजाना पान का पत्ता चबा सकते हैं। इसमें फाइबर्स होते हैं जो आपको कब्ज नहीं होने देते। आप पान का पत्ता चबाकर गुनगुना पानी पिएं, कब्ज से राहत मिलेगी।

जहां पान के पत्ते के इतने फायदे होते हैं वहीं ये जरूर ध्यान रखें कि अगर इसमें तंबाकू, सुपारी जैसी चीजें डालकर खाएंगे तो नुकसान होगा। आप इसमें सौंफ, गुलकंद और गरी डालकर टेस्ट बढ़ा सकते हैं।

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