पांच शरणार्थियों को मिली भारतीय नागरिकता

बाड़मेर. बरसों पहले सरहद की कंटीली तार के उस पार से हिंदुस्तान की सरज़मी को अपना सबकुछ मानकर वहां बसने वाले 5 लोगो के लिए शुक्रवार की सुबह नई रोशनी लेकर आई. सरहदी बाड़मेर में जिला प्रशासन ने इनकी पेशानी पर शरणार्थी का ठप्पा हटाकर इन्हें भारतीय होने का गौरव प्रदान किया. भारतीय बनने वाले इन 5 लोगों की आंखें खुशी छलक पड़ीं. भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे सरहदी बाड़मेर में गृह विभाग की मंजूरी के बाद 5 पाक नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है.
भारतीय नागरिकता पाने वाले लोगों ने राज्य व केंद्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अब भारत में स्वंतत्रता से जी सकते है. बाड़मेर जिले में निवासरत 5 पाक विस्थापितों को गृह विभाग ने प्रमाणपत्र दिये. शुक्रवार शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित शिविर के दौरान जिला कलेक्टर लोकबंधु ने मूल नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित किये. पाक विस्थापित अनवर सिह पुत्र कल्याण सिंह निवासी समदड़ी, दुर्जन सिह पुत्र सरूप सिंह निवासी बेरियो का वास, जगदीश कुमार पुत्र लुणोमल निवासी गायत्री कॉलोनी, लालू पुत्र भाखर सिह निवासी दानजी की हौदी एव जामुन बाई पत्नी लालू निवासी दानजी की हौदी को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है.
शुक्रवार को शिविर के दौरान जब जिला कलक्टर ने इन लोगो को नागरिकता दी तो इन लोगो की आंखें खुशी से छलक उठीं. इन लोगों का कहना है आज बरसों का इंतजार खत्म हो गया. वहीं भारतीय नागरिक बने अनवर सिह बताते हैं कि सालों से चला आ रहा लंबा इंतजार खत्म हो गया है. पाकिस्तान में हिन्दू परिवारों पर कई यातनाएं दी जाती थीं, लेकिन अब भारतीय नागरिकता पाकर बहुत ही खुशी है. जगदीश सिंह बताते हैं कि पाकिस्तान में आज भी हिंदू धर्म को मानने वालों का धर्म परिवर्तन करवाया जाता है. नाबालिग को आज भी जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर मुस्लिम बनाया जाता है.
एक तरफ जहां पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जैसलमेर में हजारों लोग पाकिस्तान से हिंदुस्तान में आ बसे जिन्हें अब तक भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है. वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर जिला कलक्टर लोकबंधु के मुताबिक आज गृह विभाग की मंजूरी के बाद 5 पाक नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी गई है. साथ ही
लंबित फाइलों को भी जल्द ही भारतीय नागरिकता दी जाएगी. हिंदुस्तान में आ बसे ये लोग अब तक शरणार्थियों को तरह रह रहे थे. अब तक मूलभूत सुविधाओं ने दूर इन लोगों के लिए जिंदगी दुष्कर थी, लेकिन शुक्रवार के बाद यह सभी भारतीय बन गए और इन्हें भारतीय को मिलने वाले सभी हक इन्हें मिल गए है. जिनकी इन लोगों को बेहद खुशी है.