उत्तर प्रदेश

पश्चिम की खाप पंचायतो की सोच में आया बदलाव

मेरठ. अपने तुगलकी फरमानों के लिए चर्चा में रहने वाली पश्चिमी यूपी की खाप पंचायतों की सोच अब बेटियों को लेकर बदलने लगी है. अब यहां के गांव-घरों की पहचान बेटियों के नाम से हो रही है. मेरठ जिले के गांवों में अब घर के बाहर बेटियों के नाम की तख्तियां लगाई जा रही हैं.

आमतौर पर खाप पंचायतें अपने दकियानूसी मानदंडों लिए चर्चा में रहती हैं. लेकिन अब उनकी सोच बदलती दिख रही है. इसी खाप गढ़ में घर के बाहर बेटियों की नेमप्लेट लग रही है. ये नेमप्लेट खुद उनके माता-पिता लगा रहे हैं. खाप पंचायतों से इतर घरों में भी आमतौर पर पुरुषों की नेमप्लेट नजर आती हैं. लेकिन अब पश्चिमी यूपी की खाप पंचायत वाले गांवों में बिटिया की नेमप्लेट शान के साथ लगाई जा रही है. बदलाव की यह बयार मल्हू सिंह कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीरा तोमर की सोच का नतीजा है, जो उन्हें अलग बनाती है. यहां की प्रिंसिपल ने कॉलेज में पढ़ने वाली लगभग 1500 बालिकाओं के घर के बाहर उनके नाम की पट्टिका लगाने की अनूठी शुरुआत की है.

मल्हू सिंह कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल नीरा तोमर खुद छात्राओं के घर जा रही हैं और बेटियों के नाम की पट्टिका लगा रही हैं. इस मिशन को लेकर जितना प्रिंसिपल उत्साहित हैं, उससे कई गुना ज्यादा वे छात्राएं उत्साहित हैं, जिनके नाम की पट्टिका उनके घर के बाहर लग रही है. छात्राओं का कहना है कि वे इस बात से इतना खुश हैं कि अब वे पूरे मोहल्ले की महिलाओं को इसका महत्व समझाएंगी और गांव-गांव नारी सशक्तीकरण की अलख जगाएंगी.

इस मिशन से छात्राओं के माता-पिता भी बेहद खुश हैं. बेटियों का कहना है कि अभी तक नाम पट्टिका में उनके पिता या दादा का नाम ही अंकित होता रहा है, लेकिन अपने नाम की पट्टिका देखकर उन्हें गर्व की अऩुभूति हो रही है. बेटियों के माता-पिता का कहना है कि आज उनकी बेटियों ने नाम रोशन कर दिया. अभी तो सिर्फ घर के बाहर बेटी के नाम की पट्टिका लगी है, वह दिन दूर नहीं जब बेटी अपने सपनों के पंख लिए आकाश में उड़ती नजर आएगी.

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